ट्रंप टैरिफ नीति 2025: अमेरिका मंदी की कगार पर

ट्रंप टैरिफ नीति 2025 अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर संकट का संकेत दे रही है। मूडीज के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जांडी का कहना है कि अमेरिका मंदी की कगार पर है। उनका मानना है कि ट्रंप प्रशासन की आक्रामक टैरिफ नीति इस खतरे का सबसे बड़ा कारण है।
ट्रंप टैरिफ नीति 2025: संख्याओं और असर
पहले कार्यकाल की तुलना में इस बार टैरिफ कहीं ज्यादा व्यापक हैं। जहां पहले केवल चीनी सामान पर $400 बिलियन से कम की टैरिफ थी, वहीं अब कनाडा, चीन और मैक्सिको से लगभग $1 ट्रिलियन आयात प्रभावित हुआ है। स्टील और एल्यूमिनियम पर भी टैरिफ लगा दिया गया है। मूडीज की रिपोर्ट बताती है कि अगले 12 महीनों में मंदी की संभावना 49% तक है।
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इस ट्रंप टैरिफ नीति 2025 का सीधा असर अमेरिकी जनता पर पड़ा है। रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि 2025 के अंत तक मुद्रास्फीति 3.5% तक पहुंच सकती है। अगर यह नीति जारी रहती है, तो बेरोजगारी दर 7% से अधिक होने का खतरा है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और नई व्यवस्था
यह आक्रामक नीति केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है। दुनिया अब अमेरिका के बिना जीने की तैयारी कर रही है। यूरोपीय संघ वैकल्पिक व्यापारिक साझेदारी पर काम कर रहा है। एशियाई देश चीन-आसियान समझौतों को तेज कर रहे हैं और डिजिटल मुद्रा जैसी नई भुगतान प्रणाली अपना रहे हैं। लैटिन अमेरिकी देश ब्रिक्स जैसे मंचों पर निर्भरता बढ़ा रहे हैं।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ट्रंप टैरिफ नीति 2025 अमेरिका को स्टैगफ्लेशन और मंदी की ओर धकेल रही है। इसका असर निर्माण, कृषि, तकनीक और उपभोक्ता वस्तुओं पर दिखने लगा है। वहीं, भारत जैसे देशों के लिए यह अवसर भी है कि वे वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला और तकनीकी नेतृत्व में आगे आएं।
निष्कर्षतः, ट्रंप की नीतियां न केवल अमेरिकी जनता के लिए बोझ बन रही हैं बल्कि एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के जन्म को भी तेज कर रही हैं। अमेरिका का वर्चस्व घट रहा है और दुनिया नई संभावनाओं की ओर बढ़ रही है।
अधिक जानकारी के लिए देखें: IMF आधिकारिक वेबसाइट