PoJK विरोध प्रदर्शन: पाकिस्तान की सख्ती UNHRC में उठी

PoJK विरोध प्रदर्शन: पाकिस्तान की सख्ती UNHRC में गूंजी

PoJK विरोध प्रदर्शन: पाकिस्तान की सख्ती UNHRC में उठी

पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में PoJK विरोध प्रदर्शन तेजी से उग्र होते जा रहे हैं और इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भी उठाया गया है। मुज़फ्फराबाद, जो PoJK की राजधानी है, में जम्मू कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के नेतृत्व में चल रहे प्रदर्शनों ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है।

यह PoJK विरोध प्रदर्शन सरकार द्वारा समिति की 38 मांगों की अनदेखी के खिलाफ शुरू हुए थे। इन मांगों में आरक्षित सीटों को खत्म करना और संसाधनों व अधिकारों की समान उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है। पहले यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन बाद में हिंसक हो गया जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत और 22 से अधिक घायल हो गए।

UNHRC में गूंजा PoJK मुद्दा

जेनेवा में आयोजित 60वें सत्र में यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) के प्रवक्ता नासिर अज़ीज़ खान ने पाकिस्तान की बढ़ती दमनकारी कार्रवाई पर चिंता जताई। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक समुदाय से हस्तक्षेप करने की अपील की। खान ने कहा कि पाकिस्तान ने रेंजर्स तैनात कर दिए और फोन व इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया ताकि PoJK विरोध प्रदर्शन को दबाया जा सके।

खान के अनुसार PoJK के 30 लाख से अधिक लोग घेरे में हैं और 20 लाख प्रवासी अपने परिवारों से संपर्क खो चुके हैं। इसे उन्होंने जानबूझकर असहमति की आवाज़ दबाने की साजिश बताया।

हिंसा और मौतें बढ़ीं

मुज़फ्फराबाद, मीरपुर और कोटली सहित कई जिलों में आंदोलन फैल चुका है। प्रदर्शनकारी बुनियादी अधिकार और स्वशासन की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तानी सरकार ने पुलिस और रेंजर्स की तैनाती बढ़ा दी है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लगातार दूसरे दिन हड़ताल के दौरान हिंसा में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। दुकानों, होटलों और बाजारों में ताले लगे रहे, जबकि स्कूल खुले होने के बावजूद ज्यादातर छात्र नहीं पहुंचे।

JKJAAC ने 38 बिंदुओं की मांग पत्र जारी किया है, जिसमें शरणार्थियों के लिए आरक्षित सीटें खत्म करने और विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग की सुविधाएं वापस लेने की मांग भी शामिल है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार का दावा है कि 90 प्रतिशत मांगें पहले ही स्वीकार कर ली गई हैं।

द डॉन और जियो न्यूज ने रिपोर्ट किया कि सोमवार को भी हिंसा में एक व्यक्ति की मौत और कई घायल हुए थे। संचार बंदी के चलते हालात और भी गंभीर बने हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज होगा।

अधिक जानकारी के लिए देखें: UNHRC आधिकारिक वेबसाइट

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