भारत पर अमेरिका का नया 25% टैरिफ और रूसी ऊर्जा‑हथियार जुर्माना

भारत पर 25% टैरिफ के तहत, अमेरिका ने घोषणा की है कि 1 अगस्त 2025 से भारत से आने वाले वस्तुओं पर 25% आयात शुल्क लागू होगा। साथ ही, रूसी ऊर्जा और हथियार खरीद पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा रहा है। यह निर्णय भारत‑अमेरिका व्यापार बैठकों में कोई समझौता न होने पर लिया गया है।
भारत पर 25% टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने Truth Social पर लिखा कि “भारत मित्र है, लेकिन उसने वर्षों तक हमसे व्यापार कम किया क्योंकि उसके टैरिफ बहुत अधिक और ट्रेड बाधाएं कठोर हैं।” उनका कहना था कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा गैर‑मौद्रिक व्यापार बाधाएँ लगाने वाले देशों में से एक है।
अप्रैल की “Liberation Day” घोषणा में ट्रम्प ने 26% टैरिफ का प्रस्ताव रखा था, जिसे अब घटाकर 25% किया गया है। कॉमर्स सेक्रेटरी होवर्ड लटनिक ने स्पष्ट किया कि 1 अगस्त की समय सीमा तय है — न कोई विस्तार, न और मोहलत। उस दिन से कस्टम शुल्क वसूलना शुरू हो जाएगा।
व्यापार वार्ता की स्थिति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फरवरी 2025 की यात्रा के दौरान कुछ व्यापार समझौते संबंधी बातचीत हुई थी, लेकिन अब तक कोई अंतिम भागीदारी समझौता नहीं हुआ है। अब पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, और अगस्त में अमेरिका की एक टीम भारत की यात्रा कर सकती है।
ट्रम्प ने पहले संकेत दिया था कि यदि व्यापार समझौता नहीं हुआ, तो भारत को 20‑25% टैरिफ देना पड़ सकता है। Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने कहा है कि ये टैरिफ अस्थायी हो सकते हैं, क्योंकि शरद ऋतु तक द्विपक्षीय समझौता संभव है।
प्रभाव और रणनीतिक निष्कर्ष
यह भारत पर 25% टैरिफ निर्णय व्यापार असंतुलन को कम करने, अमेरिकी निर्यातकों को प्राथमिकता देने और भारतीय बाजार में अमेरिकी वस्तुओं की पहुँच बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। अमेरिका भारत के साथ $45–46 अरब का व्यापार घाटा रिपोर्ट कर चुका है।
साथ ही, भारत की रूसी ऊर्जा और सैन्य खरीद को युद्ध समर्थन माना गया है। इसलिए, इस खरीद पर भी जुर्माना निर्धारित किया गया है।
आगे की कार्रवाई: यदि किसी व्यापार समझौते पर ठोस रूप से सहमति नहीं होती है, तो अमेरिका वैश्विक व्यापार नीति में कठोर रुख अपना सकता है जिससे निर्यातकों को और अधिक प्रभाव पड़ेगा।
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