भारत ने UNGA में पाक PM शहबाज शरीफ को लताड़ा, आतंकवाद पर करारा जवाब
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी। भारत ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की आदत से बाज नहीं आ रहा है।
भारत का पाकिस्तान पर सीधा वार UNGA में
भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने UNGA में अपने जवाब में कहा कि पाकिस्तान ने एक बार फिर आतंकवाद को महिमा मंडित किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का भाषण पूरी तरह झूठ और नाटक से भरा हुआ था, लेकिन इन सब से सच्चाई नहीं छिप सकती।
गहलोत ने बताया कि हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय वायुसेना ने पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमान और एक बड़े विमान को मार गिराया। पाकिस्तान की ओर से इस सच्चाई को छिपाने की कोशिश की गई और झूठे दावे पेश किए गए।
#WATCH | New York | Exercising the right of reply of India on Pakistan PM Shehbaz Sharif’s speech, First Secretary in India’s Permanent Mission to the UN, Petal Gahlot says, “A picture speaks a thousand words and we saw many pictures of terrorists slain in Bahawalpur and Muridke… pic.twitter.com/suujcgKvGI
— ANI (@ANI) September 27, 2025
आतंकवाद पर पाकिस्तान की पोल खोली
भारत ने याद दिलाया कि 25 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ जैसे आतंकी संगठन को जिम्मेदारी से बचाया था, जिसने जम्मू-कश्मीर में निर्दोष पर्यटकों की हत्या की थी। गहलोत ने कहा कि बहावलपुर और मुरिदके स्थित आतंकी ठिकानों पर भारतीय कार्रवाई के सबूत सबके सामने हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान लगातार ऐसे आतंकियों को महिमा मंडित करता रहा है, जिससे यह साफ हो जाता है कि इस शासन की नीतियां आतंकवाद पर आधारित हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को सालों तक शरण दी और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में झूठा सहयोगी बना रहा।
कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर पाकिस्तान का बयान
शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दा उठाया और कहा कि पाकिस्तान हमेशा कश्मीरियों के साथ खड़ा है। उन्होंने भारत द्वारा इंदुस जल संधि को स्थगित करने के फैसले को भी आक्रामक बताया। शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति प्रयासों की सराहना की और उन्हें “शांति पुरुष” करार दिया।
भारत ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि संघर्ष विराम की समझौता केवल दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधे संवाद से हुआ था, न कि किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप से।
भारत ने एक बार फिर दोहराया कि पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करे और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठी कहानियां गढ़ने के बजाय वास्तविकता का सामना करे।

