अमेरिकी निवेशकों का नुकसान: ट्रम्प नीतियों से संकट

अमेरिकी निवेशकों का नुकसान हाल के दिनों में चर्चा का बड़ा विषय बन गया है। अमेरिकी शेयर बाजार में अचानक आई गिरावट ने चार दिनों के भीतर निवेशकों को एक ट्रिलियन डॉलर (लगभग ₹87 लाख करोड़) का नुकसान पहुंचा दिया है। यह झटका मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी सेक्टर में गिरी शेयर कीमतों के कारण सामने आया।
संकट की शुरुआत और ट्रम्प नीतियों का प्रभाव
Nasdaq 100 में 1% की गिरावट, Nvidia के शेयरों में 5% की गिरावट और Palantir Technologies में छह दिनों में 20% की भारी गिरावट देखने को मिली। S&P 500 की टेक कंपनियों में व्यापक बिकवाली ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट की। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, चेतावनी संकेत और भी दिख सकते हैं।
राष्ट्रपति ट्रम्प की टैरिफ नीतियों को आर्थिक सुधार के बजाय नुकसान का कारण माना जा रहा है। टैरिफ से विदेशी निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है और Dow Jones में 500 अंकों की गिरावट आई। बढ़ती मुद्रास्फीति, महंगी आयातित वस्तुएं और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में तनाव अमेरिकी बाजारों को अस्थिर कर रहे हैं।
वॉल स्ट्रीट की दिशा और मुख्य चिंताएं
विशेषज्ञों का मानना है कि वॉल स्ट्रीट उच्च वैल्यूएशन, भू-राजनीतिक तनाव और ऋण संकट से जूझ रहा है। S&P 500 का P/E अनुपात 30 के करीब पहुंचना डॉटकॉम क्रैश से पहले जैसी स्थिति दर्शाता है। वहीं, अमेरिका-ईरान संघर्ष और 33.2 ट्रिलियन डॉलर के सार्वजनिक ऋण ने निवेशकों की चिंताओं को और बढ़ाया है।
अमेरिकी संस्थागत निवेशकों ने अब विदेशी बाजारों का रुख करना शुरू कर दिया है। वे एशियाई और यूरोपीय बाजारों में पूंजी लगा रहे हैं। डॉलर की कमजोरी से बचने के लिए सोना और अन्य मुद्राओं में निवेश बढ़ रहा है।
US ट्रेजरी बॉन्ड्स से दूरी और वैश्विक प्रभाव
US ट्रेजरी बॉन्ड्स, जिन्हें सुरक्षित निवेश माना जाता था, अब विदेशी निवेशकों के भरोसे से बाहर हो रहे हैं। चीन और जापान जैसे बड़े निवेशक धीरे-धीरे अपनी होल्डिंग्स घटा रहे हैं। इसके विपरीत, यूरोपीय बॉन्ड्स और क्षेत्रीय मुद्राओं में निवेश का रुझान बढ़ रहा है।
इस स्थिति का असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बढ़ती उधारी लागत, डॉलर की कमजोरी और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में घटते प्रभाव के रूप में सामने आ रहा है। वैश्विक स्तर पर बहुध्रुवीय आर्थिक व्यवस्था की ओर संकेत मिल रहे हैं, जहां अमेरिका की शीर्ष स्थिति को चुनौती मिल रही है।
निष्कर्ष: चार दिनों में एक ट्रिलियन डॉलर का अमेरिकी निवेशकों का नुकसान बताता है कि ट्रम्प की नीतियां अमेरिका को वैश्विक आर्थिक नेतृत्व से पीछे धकेल सकती हैं। भविष्य में अमेरिका को स्थिरता बनाए रखने के लिए संतुलित नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होगी।
👉 संदर्भ: Bloomberg – US Markets
यह लेख वित्तीय स्रोतों पर आधारित है। निवेश निर्णय से पहले विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें।