भारत-यूरोपीय संघ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से ट्रंप को झटका
भारत-यूरोपीय संघ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बड़ी खबर आई है, जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका दिया है। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद के कारण हाल के दिनों में संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसके बावजूद ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। अब यूरोपीय संघ (EU) ने घोषणा की है कि वह इस साल के अंत तक भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप देगा। यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इससे भारत-ईयू साझेदारी नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकती है।
भारत-ईयू साझेदारी का बढ़ता महत्व
यूरोपीय संघ ने रक्षा, व्यापार और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में भारत के साथ संबंध मजबूत करने के लिए एक नया रणनीतिक एजेंडा पेश किया है। बदलते भू-राजनीतिक हालातों को देखते हुए, भारत-यूरोपीय संघ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को दोनों पक्षों के आर्थिक विकास और सुरक्षा के लिए निर्णायक माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समझौता वैश्विक बाजारों में स्थिरता और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
यूरो-भारत साझेदारी 2025: नई आर्थिक रणनीति और डॉलर पर असर
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष का बयान
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, “अब समय है भरोसेमंद साझेदारों पर ध्यान केंद्रित करने का। साझा हितों और समान मूल्यों पर आधारित साझेदारियों को दोगुना किया जाए। हमारी नई भारत-यूरोपीय संघ रणनीति के साथ, हम अपने संबंधों को अगले स्तर पर ले जा रहे हैं।” उनका यह बयान स्पष्ट करता है कि यूरोप भारत को एक प्रमुख वैश्विक साझेदार के रूप में देख रहा है।
भारत-यूरोपीय संघ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर अपडेट
यूरोपीय संघ की शीर्ष नेता ने स्पष्ट किया कि नया एजेंडा व्यापार, निवेश और प्रतिभा गतिशीलता को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, संयुक्त आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करना और रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को गहरा करना भी एजेंडे का हिस्सा होगा। पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि यूरोप पहले से ही भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और इस साल के अंत तक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है। यूरोप ने यह भी संकेत दिया कि वह भारत के साथ अपने साझा भविष्य में दीर्घकालिक निवेश करने के लिए तैयार है, जिससे दोनों पक्षों को लाभ होगा।
27 सदस्य देशों के सामने पेश होगा एजेंडा
यह नया रणनीतिक एजेंडा यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों के सामने रखा जाएगा और अगले साल होने वाले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में इसे अपनाया जाएगा। इसमें सुरक्षा, कनेक्टिविटी, वैश्विक मुद्दे, समृद्धि, स्थिरता, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे पांच प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-यूरोपीय संघ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट लागू होने पर न केवल द्विपक्षीय व्यापार बढ़ेगा, बल्कि एशिया-यूरोप संबंध भी मजबूत होंगे। यह कदम अमेरिकी टैरिफ नीतियों के लिए एक बड़ा संदेश होगा।

