व्हाइट हाउस का अलर्ट: शटडाउन से हजारों नौकरियां खतरे में
व्हाइट हाउस शटडाउन ने तीसरे दिन स्थिति और गंभीर कर दी है। व्हाइट हाउस ने चेतावनी दी है कि यदि गतिरोध जल्द नहीं टूटा तो हजारों कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। इस चेतावनी के बाद वॉशिंगटन की राजनीति में तनाव और गहरा गया है।
व्हाइट हाउस शटडाउन पर बड़ा बयान
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलाइन लीविट ने मीडिया से कहा कि प्रशासन पहले से ही संभावित छंटनी की तैयारी कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “यह संख्या संभवतः हजारों में होगी।” लीविट ने बताया कि बजट प्रबंधन कार्यालय (OMB) और अन्य अधिकारी यह तय कर रहे हैं कि किन विभागों पर असर पड़ सकता है।
उन्होंने शटडाउन के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगर उन्होंने सरकार को चालू रखने के लिए मतदान किया होता तो ऐसी स्थिति न आती। लीविट ने आरोप लगाया कि डेमोक्रेट्स स्वास्थ्य लाभ और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या आप मानते हैं कि अवैध प्रवासियों को मेडिकेयर लाभ मिलना चाहिए?”
ट्रम्प का रुख और डेमोक्रेट्स पर निशाना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह OMB निदेशक रस वोउट से मुलाकात करेंगे और उन कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे जिन्हें कटौती की सिफारिश की गई है। सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रम्प ने लिखा कि यह गतिरोध उनके लिए “अभूतपूर्व अवसर” है जिससे संघीय सरकार का पुनर्गठन किया जा सकता है। उन्होंने लिखा, “शायद यह उनका तरीका है अमेरिका को फिर से महान बनाने का।”
इस बीच व्हाइट हाउस ने डेमोक्रेट-शासित राज्यों में अरबों डॉलर की परियोजनाओं के फंड को रोकने या रद्द करने के कदम भी उठाए हैं। सीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय शटडाउन की पृष्ठभूमि में लिया गया।
आंशिक शटडाउन और जारी गतिरोध
अमेरिकी सरकार बुधवार आधी रात की फंडिंग समयसीमा चूकने के बाद आंशिक व्हाइट हाउस शटडाउन में चली गई। कई विभागों को बजट नहीं मिल पाया, हालांकि आवश्यक सेवाएं जारी हैं। पिछले दो दिनों से वार्ताएं रुकी हुई हैं और दोनों दल एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं।
रिपब्लिकन चाहते हैं कि डेमोक्रेट्स मौजूदा फंडिंग को सात और हफ्तों के लिए बढ़ाने पर सहमत हों। जबकि डेमोक्रेट्स बड़े समझौते की मांग पर अड़े हुए हैं। सीएनएन के अनुसार, किसी भी पक्ष ने पीछे हटने के संकेत नहीं दिए हैं।
यह लेख अमेरिकी राजनीति और अर्थव्यवस्था से जुड़े हालिया घटनाक्रम पर आधारित है।

