विश्व संपत्ति पर अमेरिकी अरबपतियों का नियंत्रण: 13.4 ट्रिलियन डॉलर का साम्राज्य
अमेरिकी अरबपति अब वैश्विक अर्थव्यवस्था के केंद्र में हैं। हाल ही में प्रकाशित अल्ट्राटा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के 1,135 अरबपति दुनिया की कुल 13.4 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति का 43% नियंत्रित करते हैं। यह न केवल आर्थिक असमानता का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन में एक गंभीर विसंगति को भी उजागर करता है।
तकनीकी और AI क्रांति: संपत्ति केंद्रीकरण का नया युग
प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने अमेरिकी अरबपतियों को संपत्ति के नए शिखर पर पहुंचा दिया है। जहां यूरोप के लग्जरी उद्योग के दिग्गज और चीन के धीमी गति से बढ़ते धनी वर्ग पिछड़ रहे हैं, वहीं अमेरिकी टेक कंपनियों ने वैश्विक बाजार पर कब्ज़ा मजबूत किया है। इसने संपत्ति और शक्ति दोनों को सीमित हाथों में केंद्रित कर दिया है।
‘डीप स्टेट’ की अवधारणा और वैश्विक नियंत्रण
यह संपत्ति केंद्रीकरण ‘डीप स्टेट’ या ‘गहरी सत्ता’ की धारणा को जन्म देता है। इन अमेरिकी अरबपतियों का उद्देश्य केवल संपत्ति बढ़ाना नहीं, बल्कि विश्व की नीतियों और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं पर नियंत्रण स्थापित करना है। इनके लिए पैसा ही धर्म बन चुका है — जहां मानवता, देश और समाज केवल साधन बनकर रह गए हैं।
मानवता का साधन मात्र बनना
इस व्यवस्था में आम लोगों को केवल मुनाफा बढ़ाने के उपकरण के रूप में देखा जाता है। श्रम का शोषण, उपभोक्तावादी संस्कृति और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर धन का प्रभाव — ये सब इस नई वैश्विक शक्ति के हथियार हैं। अमेरिकी अरबपति नीतियों को प्रभावित कर अपने व्यावसायिक हितों को सर्वोपरि रखते हैं।
वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा
आर्थिक विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि जब संपत्ति इतनी कम हाथों में केंद्रित हो जाती है, तो आर्थिक संकट, सामाजिक असंतोष और लोकतंत्र के कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकी अरबपतियों की बढ़ती ताकत से आम नागरिक की क्रय शक्ति घटती जा रही है, जो दीर्घकालिक असंतुलन का कारण बन सकती है।
निष्कर्ष: एक चिंताजनक भविष्य
13.4 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति का 43% हिस्सा केवल 1,135 व्यक्तियों के पास होना मानवता के लिए खतरे की घंटी है। ‘डीप स्टेट’ का यह प्रभाव दिखाता है कि असली शक्ति अब सरकारों के नहीं, बल्कि इन अमेरिकी अरबपतियों के हाथों में केंद्रित है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो भविष्य में मानवता कुछ मुट्ठीभर व्यापारिक घरानों की इच्छा पर निर्भर होगी।
समय की मांग है कि विश्व समुदाय इस असमानता और शक्ति केंद्रीकरण पर गंभीरता से विचार करे और ऐसी नीतियां बनाए जो संपत्ति के समान वितरण और लोकतांत्रिक मूल्यों को पुनः स्थापित कर सकें।
संदर्भ हेतु: Forbes Billionaires List

