ट्रंप की नीतियां: कैसे डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति अमेरिकी आर्थिक वर्चस्व को चुनौती दे रही है

ट्रंप की नीतियां: अमेरिकी आर्थिक वर्चस्व पर खतरा
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ अमेरिकी नीतियों में आक्रामक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। टैरिफ के माध्यम से आर्थिक सुधार के नाम पर किए जा रहे ये प्रयास भले ही अल्पकालिक लाभ दिखाएं, परंतु वैश्विक स्तर पर इनके दूरगामी परिणाम अमेरिकी वर्चस्व के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं। वैश्विक समुदाय अब अमेरिकी आर्थिक नीतियों के विकल्प तलाशने को मजबूर है।
टैरिफ नीति: अमेरिकी आर्थिक हथियार की दोधारी तलवार
जापान की रणनीतिक प्रतिक्रिया
ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ का तत्काल प्रभाव जापानी ऑटोमोबाइल उद्योग पर देखने को मिला है। जापानी कंपनियों ने अपने मुनाफे में कटौती करके अमेरिकी बाजार में निर्यात की जाने वाली गाड़ियों की कीमतों को संतुलित किया है। यह रणनीति अमेरिकी टैरिफ नीति की प्रभावशीलता पर सवालिया निशान खड़े करती है।
ब्रिक्स देशों पर टैरिफ का प्रभाव
ट्रंप ने हाल ही में ब्रिक्स सदस्य देशों को 10% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी है, जिसमें चीन और रूस समर्थित इस समूह के “अमेरिका विरोधी नीतियों” का हवाला दिया गया है। ट्रंप ने साफ चेतावनी दी है कि यदि ब्रिक्स देश नई मुद्रा बनाने या डॉलर को चुनौती देने की कोशिश करेंगे तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना होगा।
वैकल्पिक आर्थिक व्यवस्था का उदय
स्थानीय मुद्रा में व्यापार की बढ़ती प्रवृत्ति
ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीति ने विश्व को वैकल्पिक व्यापारिक व्यवस्था पर काम करने को मजबूर कर दिया है। ब्रिक्स और आसियान जैसे संगठन अब स्थानीय मुद्रा में व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे अमेरिकी डॉलर का वर्चस्व कमजोर होने की संभावना बढ़ रही है।
समानांतर आर्थिक प्रणाली की संभावना
समय के साथ, विश्व अमेरिकी बाजारों पर निर्भरता कम करने और डॉलर की पकड़ से बाहर निकलने के लिए और मजबूत विकल्प या समानांतर सिस्टम की ओर जा सकता है। यह अमेरिकी आर्थिक नेतृत्व के लिए एक गंभीर चुनौती है।
ब्रिक्स: अमेरिकी वर्चस्व के लिए बढ़ती चुनौती
ब्रिक्स की बढ़ती ताकत
यदि रूस, भारत, चीन (RIC) मिलकर अमेरिकी मनमानी का जवाब देने का निर्णय लें, तो अमेरिका के लिए इस चुनौती से निपटना अत्यंत कठिन हो जाएगा। ब्रिक्स के पास अपना तेल, खाद्यान्न और प्रौद्योगिकी है। यदि ये देश एकजुट हो जाएं तो अमेरिकी प्रभुत्व का औचित्य समाप्त हो सकता है।
2026 की आर्थिक संभावनाएं
अनुमान है कि 2026 तक चीन और भारत की संयुक्त अर्थव्यवस्था अमेरिकी अर्थव्यवस्था से भी बड़ी हो जाएगी। यह स्थिति वैश्विक आर्थिक शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।
यूरोपीय संघ की स्वतंत्र रक्षा नीति
फ्रांस और इटली का निर्णय
फ्रांस और इटली ने यूक्रेन के लिए अमेरिकी हथियार खरीदने की नाटो की नई पहल में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है। इन देशों का यह निर्णय यूरोपीय रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत बनाने और अधिक स्वतंत्र यूरोपीय रक्षा की दिशा में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यूरोपीय हथियार विकास कार्यक्रम
यूरोपीय रक्षा औद्योगिक कार्यक्रम (EDIP) के तहत 2025-2027 के लिए 1.5 बिलियन यूरो का बजट प्रस्तावित है। फ्रांस और इटली ने संयुक्त रूप से घोषणा की है कि यूरोप अपने हथियार विकसित करेगा और यूक्रेन युद्ध जैसी स्थितियों में वही हथियार बेचे जाएंगे, न कि अमेरिकी हथियार।
ट्रंप की रक्षा व्यय मांग
ट्रंप का यूरोपीय संघ पर जीडीपी का 5% रक्षा पर खर्च करने का दबाव भी इन देशों को परेशान कर रहा था। अब यूरोपीय देश अपनी स्वतंत्र रक्षा नीति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
वैश्विक दक्षिण में आर्थिक विकास
यूरोप की आंतरिक समस्याएं
आर्थिक विकास का नया केंद्र ग्लोबल साउथ बनता जा रहा है, जबकि यूरोप अपनी आर्थिक और आंतरिक समस्याओं में उलझा हुआ है। यह स्थिति अमेरिकी सहयोगियों के लिए भी चुनौती बन रही है।
अमेरिकी आंतरिक राजनीतिक दबाव
एप्स्टीन फाइल्स मामला
ट्रंप पर बढ़ते एप्स्टीन फाइल्स मामले से उनके कुछ समर्थक भी उनके विरोध में जा रहे हैं। इससे बचने के लिए ट्रंप अब बराक हुसैन ओबामा और हिलेरी क्लिंटन पर महाभियोग चलाने की बात कर रहे हैं ताकि घरेलू दबाव कम हो सके।
परमाणु तनाव में वृद्धि
ब्रिटेन को परमाणु हथियार भेजना
हाल ही में अमेरिका ने ब्रिटेन को परमाणु हथियार भेजे हैं, जिससे रूस नाराज हुआ है। क्रेमलिन ने इसे तनाव बढ़ाने की नई सीढ़ी माना है। यह कदम वैश्विक सुरक्षा के लिए चिंताजनक है।
निष्कर्ष: अमेरिकी वर्चस्व के लिए संकट के बादल
ट्रंप की आक्रामक आर्थिक और राजनीतिक नीतियां भले ही अल्पकालिक राष्ट्रीय लाभ का भ्रम दें, परंतु वैश्विक स्तर पर इनके परिणाम अमेरिकी वर्चस्व के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं। टैरिफ की नीति ने विश्व को अमेरिकी विकल्प खोजने पर मजबूर कर दिया है।
ब्रिक्स देशों का एकजुट होना, यूरोप की स्वतंत्र रक्षा नीति, स्थानीय मुद्रा में बढ़ता व्यापार, और ग्लोबल साउथ में आर्थिक शक्ति का स्थानांतरण – ये सभी कारक मिलकर अमेरिकी आर्थिक और राजनीतिक प्रभुत्व को चुनौती दे रहे हैं।
यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो आने वाले समय में अमेरिका को एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में अपनी स्थिति पुनर्परिभाषित करनी पड़ सकती है। ट्रंप की नीतियां जो अमेरिका को मजबूत बनाने के लिए बनाई गई थीं, वे विडंबना यह है कि अमेरिकी वैश्विक नेतृत्व को ही कमजोर कर रही हैं।
समय रहते यदि अमेरिका अपनी नीतियों में संतुलन नहीं लाता, तो वैश्विक शक्ति संतुलन में आने वाला परिवर्तन अपरिवर्तनीय हो सकता है।
✅ Suggested External Authoritative Link:
https://www.brookings.edu/articles/how-trump-trade-tariffs-are-backfiring/
(Topic: How Trump’s tariffs may harm long-term US economic leadership)