ट्रंप का भारत न आना और QUAD में भारत की बढ़ती भूमिका

ट्रंप का भारत न आना और QUAD में भारत की भूमिका

ट्रंप का भारत न आना और QUAD में भारत की भूमिका हाल की भू-राजनीतिक परिस्थितियों का अहम संकेत है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत में होने वाली QUAD शिखर बैठक में न आना न केवल अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव को दिखाता है, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की शक्ति संरचना में बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है। भारत की विदेश नीति और रणनीतिक स्वायत्तता इस स्थिति में और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

क्वाड की चुनौतियां और भारत की भूमिका

भारत ने हमेशा QUAD को सैन्य गठबंधन की जगह एक रणनीतिक मंच माना है। लेकिन अमेरिकी नेतृत्व की कमी से चीन को राहत मिल सकती है और क्वाड की एकजुटता कमजोर हो सकती है। ट्रंप का क्वाड शिखर सम्मेलन से दूर रहना चीन के लिए रणनीतिक लाभ है। अब भारत को QUAD में और अधिक सक्रिय होकर समुद्री सुरक्षा, डिजिटल साझेदारी और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर नेतृत्व दिखाना होगा।

भारत-जापान साझेदारी और नई वैश्विक राजनीति

इस बदली परिस्थिति में भारत-जापान साझेदारी की अहमियत बढ़ गई है। जापान की “फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक” रणनीति और भारत की “एक्ट ईस्ट” नीति मिलकर क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दे रही हैं। साथ ही, BRICS के विस्तार ने विश्व राजनीति को बहुध्रुवीय बनाया है, जिसमें भारत संतुलनकारी शक्ति के रूप में उभर रहा है।

भारत और चीन के बीच सीमा समझौते से भविष्य में संबंध सुधार की संभावना बनी है। यदि भारत-चीन रिश्ते बेहतर होते हैं, तो जापान, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारत को एक वैकल्पिक नेतृत्व के रूप में देखने लगेंगे।

निष्कर्ष: ट्रंप की अनुपस्थिति भारत के लिए अवसर है। भारत अब QUAD में केंद्रीय भूमिका निभाकर न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक नेता के रूप में उभर सकता है। भविष्य में QUAD की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि भारत कितनी कुशलता से अपनी जिम्मेदारियां निभाता है और शांति व स्थिरता को आगे बढ़ाता है।

👉 The Quad Security Dialogue – Council on Foreign Relations

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