राफेल फाइटर जेट ने अमेरिकी F-35 को डॉगफाइट में हराया, 1915 किमी/घंटा की स्पीड पर किया किल लॉक

फिनलैंड में हुए राफेल फाइटर जेट बनाम F-35 डॉगफाइट मुकाबले ने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। फ्रांस का राफेल फाइटर जेट अमेरिकी F-35 लाइटनिंग II को हराने में सफल रहा और इस जीत ने NATO देशों में खलबली मचा दी। यह घटना राफेल की तकनीकी क्षमता और मैन्यूवरिंग की ताकत को दर्शाती है।
राफेल ने F-35 पर किया किल लॉक
इस मुकाबले के दौरान राफेल फाइटर जेट ने अमेरिकी F-35 पर ‘किल लॉक’ हासिल कर लिया। इसका मतलब है कि राफेल ने F-35 को मिसाइल के निशाने पर ला दिया था, जिससे उसका बच निकलना असंभव था। F-35 को पांचवीं पीढ़ी का सबसे एडवांस्ड स्टील्थ जेट माना जाता है, जबकि राफेल 4.5 जेनरेशन का विमान है। इसके बावजूद राफेल फाइटर जेट बनाम F-35 मुकाबले ने साबित किया कि नजदीकी हवाई युद्ध में राफेल किसी भी आधुनिक जेट से टक्कर ले सकता है।
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अटलांटिक ट्राइडेंट 25 युद्धाभ्यास
यह ऐतिहासिक डॉगफाइट अटलांटिक ट्राइडेंट 25 सैन्य अभ्यास के दौरान हुई, जिसकी मेजबानी फिनलैंड ने 16 से 27 जून 2025 तक की। पहली बार यह अभ्यास अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के बाहर आयोजित किया गया। इसमें चार देशों की वायुसेनाओं ने हिस्सा लिया और कुल 40 से अधिक विमान तथा 1,000 से ज्यादा सैनिक शामिल हुए।
कौन-कौन से विमान शामिल हुए?
अमेरिका की ओर से F-15E स्ट्राइक ईगल, F-35A लाइटनिंग II और KC-135 टैंकर उतारे गए। फ्रांस ने राफेल, A400M, A330 MRTT और AWACS भेजे। ब्रिटेन से यूरोफाइटर टाइफून और फिनलैंड से F/A-18 हॉर्नेट ने अभ्यास में हिस्सा लिया।
कैसे राफेल ने दिखाई अपनी ताकत?
फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स ने 20 अगस्त को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर वीडियो साझा किया। इसमें राफेल पायलट को इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए अमेरिकी F-35 पर लॉक करते देखा गया। वीडियो के 15वें सेकंड में यह साफ दिखा कि राफेल ने F-35 को टारगेट कर लिया था। डॉगफाइट में पायलट अपने विमानों को तेजी से घुमाकर दुश्मन को लॉक करने की कोशिश करते हैं और इस बार राफेल की स्पीड (1915 किमी/घंटा) और उसकी डिजाइन ने उसे जीत दिलाई।
विशेषज्ञों की राय
एक्सपर्ट्स का कहना है कि F-35 को राफेल के रडार लॉक का अलर्ट जरूर मिला होगा, लेकिन उसकी उन्नत तकनीक भी उसे बचा नहीं पाई। राफेल फाइटर जेट बनाम F-35 मुकाबले ने यह साबित कर दिया कि तकनीक के साथ-साथ पायलट की स्किल और विमान की मैन्यूवरिंग क्षमता भी जीत का बड़ा आधार होती है।
External Link: U.S. Department of Defense