नेपाल में सोशल मीडिया बैन: प्रदर्शन में 16 मरे, पुलिस संग झड़प

नेपाल सोशल मीडिया बैन के खिलाफ काठमांडू में सोमवार को हुए बड़े विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई जबकि 42 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। राजधानी के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है और हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।
नेपाल सोशल मीडिया बैन विरोध और जनाक्रोश
काठमांडू में हजारों युवाओं ने सरकार द्वारा 26 लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने “भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं” और “सोशल मीडिया अनबैन करो” जैसे नारे लगाए। इस आंदोलन का नेतृत्व मुख्य रूप से जनरेशन-ज़ी ने किया, जिन्होंने कहा कि यह बैन अभिव्यक्ति की आज़ादी और कनेक्टिविटी पर सीधा हमला है।
#BREAKING: Gen Z protest in Kathmandu against corruption and ban on social media platforms
protesters enter Parliament; Curfew imposed in Kathmandu#Kathmandu #Nepal #NepalBansSocialMedia #GenZProtest #Baneshwor pic.twitter.com/HxjbEVoX10
— JUST IN | World (@justinbroadcast) September 8, 2025
प्रदर्शन में हिंसा और पुलिस कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर की ओर बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन और गोलियों का इस्तेमाल किया। पुलिस फायरिंग में 16 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। घायल लोगों का इलाज काठमांडू के सिविल अस्पताल और अन्य मेडिकल केंद्रों में किया जा रहा है।
सरकारी कदम और कर्फ्यू
झड़पों के बाद प्रशासन ने संसद भवन और राष्ट्रपति भवन समेत कई संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया। सरकार ने सोशल मीडिया बैन का बचाव करते हुए कहा कि जिन 26 प्लेटफॉर्म को बैन किया गया है, उन्होंने नेपाल में स्थानीय पंजीकरण और अनुपालन नियमों का पालन नहीं किया। इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह सिर्फ सोशल मीडिया बैन का मामला नहीं है बल्कि नेपाल में व्याप्त भ्रष्टाचार और राजनीतिक दमन के खिलाफ भी युवाओं का आंदोलन है।
यह खबर अंतरराष्ट्रीय मीडिया एजेंसियों जैसे Reuters, AFP और Kathmandu Post से मिली जानकारी पर आधारित है।
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