भारत-ब्रिटेन FTA समझौता: 2030 तक 120 अरब डॉलर व्यापार, अमेरिका को मिला स्पष्ट संदेश

भारत-ब्रिटेन FTA समझौते पर PM मोदी और ब्रिटिश PM की बैठक

भारत-ब्रिटेन FTA: मोदी का अमेरिका को स्पष्ट संदेश
भारत और ब्रिटेन के बीच भारत-ब्रिटेन FTA (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर होने जा रहे हैं। यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा और 2030 तक व्यापार को 120 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखता है। साथ ही, यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक स्पष्ट संदेश देता है कि स्थायी समझौते धमकियों से नहीं, बल्कि विश्वास से होते हैं।

भारत-ब्रिटेन FTA का प्रमुख लाभ

इस भारत-ब्रिटेन FTA से भारतीय उत्पादों जैसे चमड़ा, जूते और कपड़ों का निर्यात सस्ता होगा। वहीं, ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों के आयात पर शुल्क कम होगा। यह समझौता दोनों देशों के लिए विन-विन मॉडल साबित होगा, जिससे अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा फायदा मिलेगा।

धैर्यपूर्ण कूटनीति की जीत

भारत-ब्रिटेन FTA किसी जल्दबाजी का नतीजा नहीं है। वार्ताएं 2022 में शुरू हुईं और मई 2025 में पूरी हुईं। दोनों देशों ने अपनी “रेड लाइन्स” का सम्मान करते हुए एक संतुलित समझौता किया। यह ट्रंप की “टैरिफ-आधारित रणनीति” से एकदम अलग है, जो अक्सर असफल हो जाती है।

अमेरिका के लिए सीख

यह डील अमेरिका को संदेश देती है कि भारत-ब्रिटेन FTA जैसे समझौते धैर्य और सम्मान से ही संभव हैं। ट्रंप प्रशासन की जल्दबाजी और दबाव की रणनीति ने भारत-अमेरिका वार्ताओं को अटका दिया है। अमेरिका को ब्रिटेन से सीख लेनी चाहिए कि टिकाऊ समझौतों के लिए विश्वास जरूरी है।

निष्कर्ष: भारत की रणनीतिक सफलता

भारत-ब्रिटेन FTA न केवल आर्थिक लाभ देगा, बल्कि यह भारत की “इंतजार करो” रणनीति की जीत भी है। यह दिखाता है कि धैर्य और कूटनीतिक सोच से ही दीर्घकालिक समझौते होते हैं।

Suggested External Link:

UK Government Official Statement on India-UK FTA (Authoritative Source)

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