
भारत के विदेशी व्यापार में intangibles (अमूर्त) की अहम भूमिका
भारत के विदेशी व्यापार में intangibles (अमूर्त) की भूमिका लगातार बढ़ रही है और यह अब पारंपरिक वस्तुओं के निर्यात से अधिक महत्वपूर्ण साबित हो रही है। पहले जहां इस क्षेत्र में सफलता को स्टील, पेट्रोलियम, वस्त्र या मशीनरी जैसे माल निर्यात से आंका जाता था, वहीं अब सेवाओं और रेमिटेंस जैसे “intangibles (अमूर्त) प्रवाह”…