India-Pakistan Asia Cup विवाद: मैच बहिष्कार पर राजनीतिक संग्राम
India-Pakistan Asia Cup विवाद
India-Pakistan Asia Cup विवाद ने देश में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। कई राजनीतिक दल और आम नागरिक इस बहुप्रतीक्षित मैच के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। यह विवाद उस समय और गहरा गया जब पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों के परिजनों ने BCCI के फैसले को असंवेदनशील बताया।
राजनीतिक नेताओं का विरोध और बहिष्कार की अपील
कानपुर के व्यवसायी शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या, जिनकी पहलगाम आतंकवादी हमले में मृत्यु हुई थी, ने लोगों से India-Pakistan Asia Cup विवाद को देखते हुए मैच के बहिष्कार की अपील की। उन्होंने BCCI पर शहीद परिवारों की भावनाओं को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया। शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र भर में ‘सिंदूर’ प्रदर्शन की घोषणा करते हुए कहा कि यह बहिष्कार दुनिया को भारत का आतंकवाद पर रुख बताने का मौका है। उन्होंने कहा, “जब तक आतंकवाद खत्म नहीं होता, तब तक पाकिस्तान से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखना चाहिए।”
आप नेता सौरभ भारद्वाज और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में पाकिस्तान के खिलाड़ियों के प्रतीकात्मक पुतले को जलाया। उन्होंने इसे शहीद परिवारों का अपमान बताया और BJP सरकार को लज्जाजनक करार दिया। कांग्रेस, NCP (शरद पवार गुट) और AIMIM के नेताओं ने भी इस निर्णय की आलोचना की।
शिंदे गुट और BJP का रुख
एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने सत्ता के लिए हिंदुत्व का त्याग किया, उन्हें अब विरोध का अधिकार नहीं है। NCP नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि इतने बड़े देश में अलग-अलग राय होना स्वाभाविक है।
BJP सांसद और पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि India-Pakistan Asia Cup विवाद के बावजूद भारत की पाकिस्तान के खिलाफ बहुपक्षीय टूर्नामेंट में भागीदारी नियमों के कारण होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का रुख वर्षों से यही रहा है कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी हमले रोकने तक द्विपक्षीय क्रिकेट श्रृंखला नहीं खेली जाएगी।
इस प्रकार, India-Pakistan Asia Cup विवाद ने न केवल क्रिकेट प्रेमियों बल्कि राजनीतिक दलों और शहीद परिवारों को भी बांट दिया है। यह बहस जारी है कि क्या खेल और राष्ट्रीय सम्मान को अलग रखा जा सकता है या नहीं।

