UNSC रिपोर्ट में TRF का पर्दाफाश, पाकिस्तान की किरकिरी

भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है। UNSC रिपोर्ट TRF की आतंकी गतिविधियों को लेकर बेहद अहम रही, जिसमें पहली बार पहलगाम हमले से TRF को सीधे तौर पर जोड़ा गया। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि TRF, पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही मोर्चा है और इस हमले की जिम्मेदारी TRF ने हमले के दिन ही ली थी।
UNSC रिपोर्ट TRF पर भारत की जीत
संयुक्त राष्ट्र की अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट पर निगरानी रखने वाली टीम की द्विवार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि TRF और LeT के बीच सीधा संबंध है। अमेरिका सहित सदस्य देशों ने TRF को LeT का ही संगठन करार दिया। जबकि पाकिस्तान ने इस व्याख्या से असहमति जताई।
अमेरिका का मजबूत रुख
17 जुलाई को अमेरिका ने TRF को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में TRF को आतंकवादी मानने में आपत्ति न होने की बात कही। पहले TRF का जिक्र UNSC प्रेस स्टेटमेंट से हटवा दिया गया था।
चीन की चुप्पी बनी चर्चा
विशेषज्ञों के मुताबिक यह और भी अहम रहा कि पाकिस्तान का पुराना सहयोगी चीन इस बार चुप रहा। पहले चीन अक्सर पाकिस्तान के आतंकियों पर UNSC में ‘तकनीकी होल्ड’ लगाकर बाधा डालता रहा है।
भारत की कूटनीतिक रणनीति सफल
भारत ने पहले ही TRF की गतिविधियों और LeT से संबंधों पर विस्तृत जानकारी दी थी। मई में भारत ने अमेरिका यात्रा के दौरान UNOCT और CTED को TRF पर डोजियर सौंपा था। रिपोर्ट ने पाकिस्तान की उस रणनीति को उजागर कर दिया जिसमें वह TRF जैसे संगठनों का उपयोग कर आतंकवाद को स्थानीय विरोध की आड़ में पेश करता था।
यह रिपोर्ट भारत के लिए बड़ी जीत और पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक हार साबित हुई है।
External Source: UN Security Council Official Website
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