तेजस्वी यादव का बड़ा वादा: पंचायती प्रतिनिधियों को मिलेगा दुगुना भत्ता, 50 लाख बीमा और 5 लाख बिना ब्याज ऋण

तेजस्वी यादव का चुनावी वादा बिहार पंचायत प्रतिनिधियों के लिए

तेजस्वी यादव का चुनावी वादा बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल में एक नई ऊर्जा लेकर आया है। राज्य में मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने विपक्षी महागठबंधन की ओर से बड़ा ऐलान करते हुए जनता का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

तेजस्वी यादव का चुनावी वादा: पंचायत प्रतिनिधियों को दुगुना भत्ता

तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर INDIA गठबंधन को जनता ने सत्ता सौंपी, तो बिहार के पंचायती राज प्रतिनिधियों को मिलने वाला भत्ता अब दुगुना कर दिया जाएगा। साथ ही पंचायत और ग्राम कचहरी के प्रतिनिधियों को पेंशन का लाभ भी दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्हें ₹50 लाख का बीमा कवर भी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से जुड़े कर्मियों का मार्जिन बढ़ाकर उन्हें अधिक आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। यादव ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि गांव की नींव हैं और उन्हें सामाजिक सुरक्षा व सम्मान मिलना जरूरी है।

तेजस्वी यादव का चुनावी वादा: स्व-रोजगारियों के लिए ₹5 लाख ब्याजमुक्त ऋण

तेजस्वी यादव का चुनावी वादा केवल पंचायती प्रतिनिधियों तक सीमित नहीं है। उन्होंने घोषणा की कि परंपरागत व्यवसाय जैसे कुम्हार, बढ़ई, लोहार आदि को अपने काम को बढ़ाने के लिए ₹5 लाख तक का बिना ब्याज ऋण मिलेगा। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देने के उद्देश्य से लाई जाएगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके साथ विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी भी मौजूद थे, जिन्हें गठबंधन का उपमुख्यमंत्री चेहरा बताया गया है। तेजस्वी ने कहा, “लोग मौजूदा सरकार से निराश हैं। बिहार बदलाव चाहता है। NDA को 20 साल मिले, हमें सिर्फ 20 महीने दीजिए, हम बिहार को नंबर 1 राज्य बनाएंगे।”

महागठबंधन में मतभेद की अफवाहें निराधार: तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव का चुनावी वादा प्रस्तुत करने के साथ ही उन्होंने NDA के इस दावे को भी खारिज किया कि विपक्षी महागठबंधन में मतभेद हैं। यादव ने कहा, “मुकेश सहनी और मैं साथ में प्रचार कर रहे हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी जल्द शामिल होंगे। गठबंधन का घोषणापत्र तय हो चुका है।”

बिहार के इस चुनाव में एक ओर नीतीश कुमार की JDU, BJP, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा हैं, जबकि दूसरी ओर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में RJD, कांग्रेस, वाम दल और VIP एकजुट होकर मुकाबले में हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव का चुनावी वादा ग्रामीण प्रतिनिधियों और स्व-रोजगारियों के जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है। यह योजना बिहार में आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्थिरता को नई दिशा दे सकती है।

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