सुप्रीम कोर्ट का आदेश: आठ हफ्तों में बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से हटें आवारा कुत्ते
सुप्रीम कोर्ट का आदेश शुक्रवार को जारी हुआ जिसमें देशभर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और खेल परिसरों से आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया गया है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इन कुत्तों को पुनः उसी स्थान पर छोड़ने की अनुमति नहीं होगी जहां से उन्हें पकड़ा गया था। अदालत ने कहा कि सभी संबंधित एजेंसियां आठ हफ्तों के भीतर इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: आठ हफ्तों में हटें आवारा कुत्ते
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजारिया की पीठ ने यह निर्देश उस स्वत: संज्ञान मामले में दिया जिसमें देशभर में बढ़ती कुत्ते के काटने की घटनाओं पर निगरानी की जा रही थी। अदालत ने कहा कि हर राज्य में सुप्रीम कोर्ट का आदेश का पालन सख्ती से किया जाना चाहिए और पकड़े गए सभी कुत्तों को उचित पशु शरणालयों में भेजा जाए।
राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश की पुष्टि
शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश की भी पुष्टि की जिसमें राज्य सरकार, नगर निकायों और सड़क परिवहन प्राधिकरणों को राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों को हटाने और उन्हें शरणस्थलों में पुनर्वास करने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर आवारा पशुओं की मौजूदगी यातायात और नागरिक सुरक्षा दोनों के लिए गंभीर खतरा है।
राज्य सरकारों को सख्त चेतावनी
अदालत ने सभी राज्य सरकारों, नगर निगमों और परिवहन विभागों को चेतावनी दी कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया गया तो उन्हें अवमानना की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। यह कदम नागरिकों की सुरक्षा, स्वच्छता और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
अदालत ने अमिकस क्यूरी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि यह रिपोर्ट आदेश का हिस्सा मानी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर में शरणस्थलों की व्यवस्था को बेहतर किया जाए ताकि इन कुत्तों की सुरक्षा और देखभाल भी सुनिश्चित हो सके।

