राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप
CRPF का आरोप: राहुल गांधी की 6 विदेश यात्राओं में हुआ सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर उनकी विदेशी यात्राओं के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन पर चिंता जताई है। यह आरोप एक गंभीर सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन की ओर इशारा करता है।
CRPF के VVIP सिक्योरिटी चीफ सुनील जून की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी अपनी VVIP सुरक्षा को “गंभीरता से नहीं ले रहे” और “किसी को बताए बिना” यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने पिछले नौ महीनों में राहुल की इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया की यात्राओं को इस पत्र में चिह्नित किया है।
रहस्यमय यात्राओं पर उठते सवाल
राहुल गांधी पर रहस्य बढ़ता ही जा रहा है। वो कभी भी किसी देश चले जाते हैं और अपनी सिक्योरिटी तक को साथ नहीं रखते। यह कई बड़े सवाल उठाता है, जिसमें दोहरी जिंदगी का संदेह, संवैधानिक पद की गरिमा का सवाल और एक दशकों पुराना सिलसिला शामिल है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को भी उनकी अकस्मात यात्राओं के बारे में कुछ भी विदित नहीं होता.
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा?
नेता प्रतिपक्ष को Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाती है जो न केवल व्यक्तिगत बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। CRPF की रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी सुरक्षा एजेंसियों को पूर्व सूचना नहीं देते, अपनी यात्रा योजनाओं को गुप्त रखते हैं और सुरक्षा कर्मियों को साथ नहीं रखते, जो एक बड़ा सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन माना जाता है।
इस पूरे मामले में मुख्य सवाल यह है कि वो कौन लोग हैं जिनसे राहुल गांधी मिलते हैं और यात्रा की जानकारी क्यों छुपाई जाती है? एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की गतिविधियों में यह गोपनीयता चिंताजनक है। CRPF की यह रिपोर्ट एक गंभीर सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन को उजागर करती है और महत्वपूर्ण सवाल उठाती है।
निष्कर्षतः, राहुल गांधी की रहस्यमय यात्राओं और सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन का मामला न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा का है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संवैधानिक मर्यादाओं का भी है। यह समय की मांग है कि इस मामले की गहन जांच हो और सच्चाई सामने आए.

