राधिका यादव हत्याकांड: सोशल मीडिया विवाद में पिता ने ली बेटी की जान

राधिका यादव हत्याकांड की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यह मामला न केवल एक राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी की हत्या है, बल्कि समाज में महिलाओं की स्वतंत्रता और पारिवारिक तनाव के बीच बढ़ती खाई को भी उजागर करता है।
राधिका यादव की हत्या से जुड़ी मुख्य घटनाएं
राधिका यादव कौन थीं?
राधिका यादव ITF डबल्स में 113वें स्थान पर थीं और हरियाणा की एक प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी थीं। उन्होंने अपनी मेहनत से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई और एक टेनिस अकादमी भी चलाई।
म्यूजिक वीडियो विवाद और सोशल मीडिया तनाव
INAAM नामक कलाकार के साथ “करवां” म्यूजिक वीडियो में काम करने के बाद राधिका यादव हत्याकांड का घटनाक्रम शुरू हुआ। पिता दीपक यादव ने वीडियो हटाने को कहा, लेकिन राधिका ने इनकार कर दिया। इसके चलते विवाद बढ़ गया।
गांव वालों के ताने और अपमान
दीपक यादव ने पुलिस को बताया कि गांव वजीराबाद में लोग उसे बेटी की कमाई पर जीने वाला कहकर ताने मारते थे। यह मानसिक तनाव हत्या का कारण बना।
कैसे हुई हत्या?
10 जुलाई 2025 की सुबह जब राधिका रसोई में थी, तब दीपक यादव ने .32 बोर की रिवॉल्वर से पांच गोलियां चलाईं। तीन गोलियां राधिका को लगीं और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई
चाचा कुलदीप यादव की शिकायत पर सेक्टर 56 थाना में FIR दर्ज हुई। पुलिस ने दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया है।
हत्याकांड के सामाजिक और मानसिक पहलू
आर्थिक निर्भरता और असहजता
दीपक यादव को बेटी की स्वतंत्रता, टेनिस अकादमी संचालन और सोशल मीडिया पर उसकी उपस्थिति से परेशानी थी।
पुरुष अहंकार और सामाजिक दबाव
यह हत्या सिर्फ गुस्से की नहीं, बल्कि पारंपरिक सोच और सामाजिक दबाव के कारण हुई। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और सच्चाई सामने आएगी।
बदलते समय के साथ तालमेल की जरूरत
राधिका यादव हत्याकांड यह दर्शाता है कि कैसे पीढ़ियों के बीच संवाद की कमी भयावह घटनाओं को जन्म देती है।
मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी
इस केस में मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी एक प्रमुख कारण है, जिससे समाज में जागरूकता की आवश्यकता है।
राधिका की विरासत
राधिका एक प्रेरणादायक खिलाड़ी थीं। उनकी मृत्यु से भारतीय टेनिस को क्षति पहुंची है और यह घटना महिला स्वतंत्रता की स्थिति पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है।
निष्कर्ष
राधिका यादव हत्याकांड केवल पारिवारिक झगड़े तक सीमित नहीं है। यह सामाजिक चेतावनी है जो पारंपरिक सोच, पुरुष अहंकार और मानसिक स्वास्थ्य के संघर्ष को उजागर करता है। राधिका की आत्मा को शांति मिले और न्याय प्रणाली सख्त कार्रवाई करे।
स्रोत: NDTV रिपोर्ट
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