भारतीय दूतावास ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर नौसेना अधिकारी की टिप्पणी को बताया संदर्भ से बाहर

ऑपरेशन सिंदूर पर नौसेना अधिकारी की टिप्पणी पर विवाद

मुख्य विवाद: ऑपरेशन सिंदूर पर नौसेना अधिकारी की टिप्पणी
इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने 30 जून को स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर पर नौसेना अधिकारी की टिप्पणी को मीडिया में “संदर्भ से बाहर और भ्रामक रूप में प्रस्तुत किया गया है।” इस स्पष्टीकरण में कहा गया कि कैप्टन (भारतीय नौसेना) शिव कुमार की प्रस्तुति को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।

क्या कहा गया था ऑपरेशन सिंदूर के बारे में?

10 जून को इंडोनेशिया में हुए एक सेमिनार के दौरान रक्षा अताशे कैप्टन शिव कुमार ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी अपनी प्रस्तुति में बताया कि उस अभियान के पहले चरण में भारतीय वायुसेना ने कुछ विमान खो दिए थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राजनीतिक नेतृत्व द्वारा यह निर्देश था कि पहले चरण में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों या हवाई सुरक्षा पर हमला न किया जाए।

उनके अनुसार, “यह नुकसान सिर्फ इस निर्देश के कारण हुआ, जो राजनीतिक नेतृत्व द्वारा दिया गया था।”

रणनीति में बदलाव और ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल

कैप्टन शिव कुमार ने आगे बताया कि शुरुआती अनुभवों से सीख लेकर भारतीय सशस्त्र बलों ने रणनीति बदली। उन्होंने कहा कि आगे के हमलों में ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग कर पहले दुश्मन की वायु सुरक्षा प्रणाली को निष्क्रिय किया गया, जिससे मिशन अधिक सफल साबित हुए।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और विपक्ष के सवाल

इस बयान के सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने भाजपा-नीत केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पूछा:

“प्रधानमंत्री विपक्ष को विश्वास में लेने और संसद का विशेष सत्र बुलाने से क्यों कतरा रहे हैं?”

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस टिप्पणी को “प्रत्यक्ष अभियोग” बताते हुए कहा कि सरकार सच्चाई सामने आने से डर रही है क्योंकि इससे उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

भारतीय दूतावास का स्पष्टीकरण

इंडोनेशिया स्थित भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि कैप्टन शिव कुमार की टिप्पणी को मीडिया में संदर्भ से हटाकर, गलत अर्थों में प्रस्तुत किया गया है। उनके बयान का उद्देश्य केवल सैन्य रणनीतियों के विकास को दर्शाना था, न कि सरकार की आलोचना।

“उनकी प्रस्तुति के कुछ अंशों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, जिससे मूल सन्देश की सटीकता प्रभावित हुई।” — भारतीय दूतावास

राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनता विवाद

हालांकि दूतावास ने स्पष्टता दे दी है, फिर भी ऑपरेशन सिंदूर विवाद ने एक बार फिर से रक्षा नीतियों, राजनीतिक-सैन्य संतुलन और पारदर्शिता को लेकर बहस को जन्म दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद को संसद और मीडिया में और गहराई से उठाया जाएगा।

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अधिक जानकारी के लिए देखें:
भारतीय दूतावास, इंडोनेशिया – आधिकारिक वेबसाइट

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