ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025: ईस्पोर्ट्स को मान्यता, मनी गेम्स पर प्रतिबंध

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 संसद से पारित हो गया है, जिससे भारत की 3.8 बिलियन डॉलर की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर बड़ा असर पड़ेगा। यह कानून मुख्य रूप से रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाता है, जबकि ईस्पोर्ट्स को वैध खेल के रूप में मान्यता देने का रास्ता खोलता है।
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025: क्या बदलेगा?
लोकसभा और राज्यसभा से पारित ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा। सरकार का मानना है कि रियल मनी गेम्स के कारण लत, आर्थिक नुकसान और कई बार आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा, इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और आतंक वित्तपोषण जैसी गतिविधियों में भी हो रहा है।
1. ईस्पोर्ट्स को मान्यता
इस बिल के तहत ईस्पोर्ट्स को वैध प्रतिस्पर्धी खेल घोषित किया गया है। खेल मंत्रालय मानक तय करेगा और देशभर में ईस्पोर्ट्स इवेंट्स, प्रशिक्षण अकादमी और तकनीकी प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे।
2. सामाजिक और शैक्षिक खेलों को बढ़ावा
बिल सुरक्षित और आयु-उपयुक्त शैक्षिक व सामाजिक खेलों के विकास और वितरण के लिए सरकारी प्लेटफॉर्म बनाने का प्रावधान करता है। खासकर भारतीय संस्कृति और शिक्षा आधारित गेम्स पर जोर दिया जाएगा।
3. ऑनलाइन मनी गेम्स पर बैन
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 किसी भी प्रकार के रियल मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है, चाहे वे स्किल या चांस पर आधारित हों। इन्हें किसी भी माध्यम पर विज्ञापित करना गैरकानूनी होगा और पेमेंट गेटवे इन्हें सपोर्ट नहीं कर पाएंगे।
4. राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण
कानून के तहत एक राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी बनाई जाएगी, जो गेम्स को कैटेगराइज करेगी, शिकायतों का निपटारा करेगी और नियम लागू करेगी।
5. अपराध और दंड
यदि कोई संस्था ऑनलाइन मनी गेम्स में शामिल पाई जाती है, तो उसे तीन साल तक की जेल और ₹1 करोड़ तक जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। विज्ञापन करने पर ₹50 लाख तक का जुर्माना और दो साल तक की जेल का प्रावधान है। दोहराए गए अपराध पर सजा और दंड दोगुना हो सकता है।
भारत सरकार का मानना है कि ऑनलाइन मनी गेम्स पर सीधा प्रतिबंध, रेगुलेशन से अधिक प्रभावी रहेगा क्योंकि इनसे कई परिवार आर्थिक रूप से बर्बाद हो चुके हैं।
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