नया इनकम टैक्स बिल 2025: आसान भाषा में फायदे और नुकसान

नया इनकम टैक्स बिल 2025 क्या है और क्यों आया?
नया इनकम टैक्स बिल 2025 11 अगस्त को लोकसभा से पास हो गया है और 1 अप्रैल 2026 से यह पुराने 1961 इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा। सरकार का कहना है कि यह बिल टैक्स कानूनों को सरल बनाने, विवादों को कम करने, अनुपालन बढ़ाने और टैक्सपेयर्स तथा अधिकारियों के लिए बेहतर टैक्स निश्चितता प्रदान करने के लिए बनाया गया है। 63 साल पुराना टैक्स कानून अब काफी जटिल हो गया था, इसलिए इस बदलाव की जरूरत महसूस की गई।
मुख्य बदलाव और फायदे
इस बिल में पेंशनर्स के लिए सबसे बड़ी राहत यह है कि अब सभी को commuted pension पर पूरी टैक्स छूट मिलेगी, जो पहले सिर्फ कुछ सैलरीड लोगों को मिलती थी। UPS यानी Unified Pension Scheme के तहत commuted pension पूरी तरह टैक्स फ्री होगी और NPS से 60% तक की राशि टैक्स फ्री निकाली जा सकेगी। टैक्स रिटर्न में भी अब ज्यादा लचीलापन मिलेगा, जिससे डेट के बाद भी रिटर्न फाइल करने पर टैक्स रिफंड मिलने का अधिक मौका रहेगा। कॉर्पोरेट सेक्टर को भी Section 80M के तहत डिडक्शन का फायदा मिलेगा। भाषा का आसान होना, UPS/NPS नियमों का स्पष्ट होना और विवादों में कमी इसके अन्य फायदे हैं।
क्या नहीं बदला और नुकसान
हालांकि, टैक्स रेट्स और टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पेनल्टी और जुर्माने पहले जैसे ही रहेंगे और ज्यादातर डेफिनिशन्स भी अपरिवर्तित हैं। नुकसान यह है कि टैक्स रेट में कोई कटौती नहीं हुई, मिडिल क्लास को तुरंत कोई बड़ी राहत नहीं मिली, नए सिस्टम को लागू करने और लोगों को समझाने में समय लगेगा, कानून अभी भी जटिल है और इसके आर्थिक प्रभाव को लेकर स्पष्टता नहीं है।
आम आदमी के लिए इसका मतलब यह है कि अगर आप सैलरीड हैं तो फिलहाल खास फर्क नहीं पड़ेगा और टैक्स वही देना होगा। अगर आप पेंशनर हैं तो यह आपके लिए अच्छी खबर है क्योंकि commuted pension पर पूरी छूट मिलेगी। UPS या NPS के सब्सक्राइबर्स को अब साफ नियम मिल गए हैं, जिससे कन्फ्यूजन कम होगी। व्यापारियों के लिए भाषा आसान होने से कंप्लायंस आसान होगा लेकिन टैक्स रेट में बदलाव नहीं है।
मेरी राय में नया इनकम टैक्स बिल 2025 एक सकारात्मक कदम है लेकिन यह कोई क्रांतिकारी बदलाव नहीं है। इसमें 1961 के एक्ट के ज्यादातर प्रावधान बरकरार हैं, यानी पैकेजिंग बदली है लेकिन प्रोडक्ट वही है। पेंशनर्स के लिए यह बेहतर है, भाषा सरल हुई है और विवाद कम होंगे, लेकिन टैक्स रेट वही हैं और मिडिल क्लास को तत्काल लाभ नहीं मिला है। यह बिल 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा और तब तक सरकार को इसकी ट्रेनिंग देनी होगी, सिस्टम अपडेट करना होगा और हमें भी नए नियमों को समझना होगा। फिलहाल इसे एक नई शुरुआत माना जा सकता है जो सही दिशा में है और खासतौर पर पेंशनर्स व UPS/NPS सब्सक्राइबर्स के लिए अच्छी खबर है।
संदर्भ: इनकम टैक्स विभाग