KIIT यूनिवर्सिटी की लापरवाही और अवैध गतिविधियों से दो छात्राओं की आत्महत्या, रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने KIIT यूनिवर्सिटी आत्महत्या रिपोर्ट में गंभीर खुलासे किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भुवनेश्वर स्थित KIIT डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी की अवैध गतिविधियों और प्रशासनिक लापरवाही के कारण दो छात्राओं ने आत्महत्या कर ली।
UGC जांच कमेटी की रिपोर्ट में गंभीर आरोप
प्रोफेसर नागेश्वर राव की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी ने 20 मई, 2025 को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया है कि यूनिवर्सिटी में यौन शोषण की शिकायतों पर उचित कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, हॉस्टल की सुविधाएं बेहद खराब थीं और छात्रों की संख्या से अधिक प्रवेश दिए गए। इन सभी कारणों से छात्राओं पर मानसिक दबाव बढ़ा, जो अंततः आत्महत्या का कारण बना।
यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर अवैध समझौते
रिपोर्ट में कहा गया कि आंतरिक शिकायत समिति (ICC) और प्रशासनिक अधिकारी फौजदारी सजा के लिए उत्तरदायी हैं। पीड़िता ने दो बार यौन शोषण की शिकायत की थी, लेकिन दोनों बार प्रशासन ने आरोपी को बचाने के लिए अवैध समझौते कराए। यदि पहली शिकायत पर उचित कार्रवाई की गई होती, तो यह दुखद आत्महत्या रोकी जा सकती थी।
प्राकृतिक लम्सल की मौत
16 फरवरी को नेपाल की रहने वाली BTech की तीसरे वर्ष की छात्रा प्रकृति लम्सल अपने हॉस्टल में मृत पाई गई थीं। इसके बाद, 2 मई को एक अन्य नेपाली छात्रा की भी हॉस्टल में मौत हो गई। रिपोर्ट में ICC के उन सदस्यों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया।
अन्य गंभीर लापरवाहियां
रिपोर्ट में हॉस्टल में तीन-तीन छात्राओं को एक छोटे कमरे में रखने, विदेशी छात्राओं के सांस्कृतिक मूल्यों की अनदेखी और सुरक्षा गार्ड्स द्वारा छात्रों पर बल प्रयोग करने जैसी समस्याओं को भी उजागर किया गया है। यूनिवर्सिटी ने अपनी छवि को बचाने के लिए देश के कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भी अनदेखी की।
UGC की संभावित कार्रवाई
KIIT यूनिवर्सिटी आत्महत्या रिपोर्ट के आधार पर UGC अब यूनिवर्सिटी के विस्तार पर रोक लगाने और दोषी अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है। यह रिपोर्ट यूनिवर्सिटी की प्रशासनिक विफलताओं का गंभीर दस्तावेज है।
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