मप्र में 11 बच्चों की मौत: खांसी सिरप से त्रासदी
मप्र में 11 बच्चों की मौत की दर्दनाक घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। छिंदवाड़ा जिले में डॉक्टर प्रवीन सोनी को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने बच्चों को जहरीला Coldrif खांसी सिरप दिया। इस सिरप से पांच साल से कम उम्र के 11 मासूमों की जान चली गई।
मप्र में 11 बच्चों की मौत: खांसी सिरप त्रासदी
पुलिस ने तमिलनाडु स्थित Sresan Pharmaceuticals कंपनी और स्थानीय बाल रोग विशेषज्ञ पर एफआईआर दर्ज की है। जांच में पाया गया कि Coldrif सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला रसायन मिला है, जिसका उपयोग आमतौर पर एंटीफ्रीज और ब्रेक फ्लुइड में किया जाता है।
खतरनाक रसायन का खुलासा
प्रयोगशाला रिपोर्ट के अनुसार सिरप में DEG की मात्रा 48% पाई गई, जबकि अनुमत सीमा केवल 0.1% है। यह अत्यधिक खतरनाक है और इससे बच्चों की किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा। जिलाधिकारी शीलेंद्र सिंह ने बताया कि पीड़ित बच्चों के बायोप्सी में भी इस जहरीले तत्व की पुष्टि हुई है।
सरकारी कार्रवाई और प्रतिबंध
राज्य सरकार ने Coldrif खांसी सिरप की बिक्री पर प्रदेशभर में प्रतिबंध लगा दिया है। प्रारंभिक जांच से पता चला कि यह सिरप केवल छिंदवाड़ा इलाके में ही सप्लाई हुआ था। ड्रग कंट्रोलर डीके मौर्य ने कहा कि दूसरे संदिग्ध सिरप Nexa DS की जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है।
इस घटना के बाद तमिलनाडु सरकार ने भी 1 अक्टूबर से Coldrif सिरप पर बैन लगा दिया है और उसे बाजार से हटाने का आदेश दिया है। WHO और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों ने भी इस तरह की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई है।
मप्र में 11 बच्चों की मौत जैसी घटनाएं दवा सुरक्षा और क्वालिटी कंट्रोल की गंभीर खामियों को उजागर करती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई और सख्त निगरानी बेहद जरूरी है।

