कांवड़ मार्ग होटल: सुप्रीम कोर्ट का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन आदेश

📰 कांवड़ मार्ग होटल को लाइसेंस दिखाना अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ मार्ग होटल मालिकों को कड़ा निर्देश देते हुए कहा है कि वे अपने लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करें। यह निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए आदेश के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आया। कोर्ट ने फिलहाल क्यूआर कोड अनिवार्यता पर कोई आदेश नहीं दिया है।
यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत
उत्तर प्रदेश सरकार को भोजनालयों में क्यूआर कोड अनिवार्य करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत मिली है। कोर्ट ने क्यूआर कोड अनिवार्य करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुख्य याचिका पर सुनवाई के दौरान इस मुद्दे पर निर्णय लिया जा सकता है।
कांवड़ मार्ग होटल पर सरकार के निर्देश को दी गई चुनौती
कांवड़ मार्ग होटल और भोजनालयों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। आदेश के अनुसार, दुकानों पर क्यूआर कोड स्टीकर और मालिक का नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया था। इस आदेश को लेकर शिक्षाविद अपूर्वानंद झा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, और अन्य याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई है।
याचिकाकर्ताओं ने जताई सांप्रदायिक हिंसा की आशंका
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के आदेशों से समाज में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। उनके अनुसार, दुकानदारों के नाम सार्वजनिक करना अल्पसंख्यक समुदाय के लिए खतरे की घंटी हो सकती है और इससे भीड़ हिंसा की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन: याचिकाकर्ता
कांवड़ मार्ग होटल और दुकानों पर मालिक की जानकारी देने को याचिकाकर्ताओं ने निजता के अधिकार का उल्लंघन बताया। सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में इसी प्रकार के निर्देशों पर मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में रोक लगाई थी।
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