अग्नि प्राइम मिसाइल टेस्ट: भारत ने रेल-आधारित लॉन्चर से हासिल की बड़ी सफलता
Agni Prime Missile Test: भारत ने गुरुवार को अपनी इंटरमीडिएट रेंज अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जो पहली बार रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से लॉन्च की गई। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘पहली बार का अनूठा प्रयोग’ बताते हुए भारत की रक्षा तकनीक में बड़ी छलांग करार दिया।
Agni Prime Missile Test ने रचा नया इतिहास
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित अग्नि प्राइम मिसाइल लगभग 2,000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। इस परीक्षण को एक विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सफलता भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करती है, जिन्होंने चलती रेल नेटवर्क से canisterised launch system विकसित किया है।
India has carried out the successful launch of Intermediate Range Agni-Prime Missile from a Rail based Mobile launcher system. This next generation missile is designed to cover a range up to 2000 km and is equipped with various advanced features.
The first-of-its-kind launch… pic.twitter.com/00GpGSNOeE
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 25, 2025
पहला रेल-आधारित मिसाइल परीक्षण
राजनाथ सिंह ने कहा, “यह पहली बार का परीक्षण है जिसे विशेष रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यह Agni Prime Missile Test भारत की रणनीतिक क्षमता को और मजबूत करता है।” उन्होंने DRDO, स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (SFC) और सशस्त्र बलों को इस उपलब्धि पर बधाई दी।
पिछले परीक्षण और भविष्य की दिशा
इससे पहले अगस्त में ओडिशा के चांदिपुर में अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया गया था। वहीं मार्च 2024 में ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के तहत अग्नि-5 का ट्रायल किया गया था, जिसने MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) क्षमता को प्रदर्शित किया। इस तकनीक से मिसाइल 3-4 परमाणु वॉरहेड अलग-अलग लक्ष्यों पर दाग सकती है। वर्तमान में SFC केवल सिंगल वॉरहेड मिसाइल संचालित करता है, जबकि ठोस ईंधन से चलने वाली तीन-स्टेज अग्नि-5 को कैनिस्टर से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे तैनाती में तेजी आती है।
भारत की यह उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और उन्नत तकनीक की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
External Source: DRDO Official Website

