गुजरात मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफ़ा
गुजरात मंत्रिमंडल विस्तार से पहले राज्य के 16 मंत्रियों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया। यह बड़ा कदम शुक्रवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में होने वाले नए मंत्रिमंडल के गठन से पहले उठाया गया है। इस कदम को भाजपा ने आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों और 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले “रणनीतिक बदलाव” के रूप में देखा है।
गुजरात मंत्रिमंडल विस्तार पर राजनीतिक हलचल तेज
राज्य की मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 17 मंत्री शामिल थे जिनमें मुख्यमंत्री के अलावा 8 कैबिनेट रैंक मंत्री और 8 राज्य मंत्री (MoS) थे। जानकारी के अनुसार, सभी मंत्रियों को दोपहर तक इस्तीफ़ा देने के निर्देश दिए गए ताकि गुजरात मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी को नए चेहरों को शामिल करने की पूरी छूट मिल सके।
नई कैबिनेट में होंगे 22-23 मंत्री
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस्तीफे स्वीकार करने के बाद सभी मंत्रियों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने संकेत दिया कि नई कैबिनेट में लगभग 22-23 मंत्री शामिल होंगे, जिनमें से केवल 4-5 मंत्री ही पुराने मंत्रिपरिषद से दोबारा जगह पा सकते हैं। मुख्यमंत्री देर शाम राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात कर नए मंत्रियों की सूची सौंपेंगे।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने यह निर्णय गुजरात मंत्रिमंडल विस्तार के तहत सरकार में नए जोश और रणनीतिक संतुलन लाने के लिए लिया है। राज्यपाल जो महाराष्ट्र के भी राज्यपाल हैं, शाम 8 बजे तक गांधीनगर पहुंचेंगे। शुक्रवार दोपहर को नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे शीर्ष नेता
शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी तय है। सभी भाजपा विधायकों को गांधीनगर में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। 2021 में विजय रूपाणी के स्थान पर भूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला बड़ा गुजरात मंत्रिमंडल विस्तार है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, “वन पर्सन, वन पोस्ट” नियम के तहत नए प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना कम है। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री पद को भी फिर से बहाल किया जा सकता है, जिसके लिए हर्ष सांघवी और कुंवरजी हलपति के नाम चर्चा में हैं।

