EU प्रतिबंध पर भारत का सख्त रुख: ऊर्जा सुरक्षा को दी प्राथमिकता

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा से पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को EU प्रतिबंध पर भारत का सख्त रुख रखते हुए कहा कि भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता ऊर्जा सुरक्षा है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “…जहां तक ऊर्जा सुरक्षा की बात है, भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता यही है कि देश के लोगों को ऊर्जा सुरक्षा मिले। और हम इसके लिए जो करना पड़ेगा, वो करेंगे।”
🌍 वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत का रुख
मिस्री ने यह भी कहा कि केवल यूरोप ही नहीं, पूरी दुनिया अस्तित्व से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। इसलिए इन मुद्दों पर संतुलन और व्यापक दृष्टिकोण बनाए रखना जरूरी है।
🛢️ रूस पर EU के नए प्रतिबंध और भारत पर असर
यूरोपीय संघ ने रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते एक नया प्रतिबंधात्मक दौर शुरू किया है। इसमें रूसी कच्चे तेल से बने ईंधनों पर रोक, तेल मूल्य सीमा में कटौती, और रूस की भारतीय जॉइंट वेंचर रिफाइनरी पर भी असर डाला गया है।
इसके अलावा, नए बैंकिंग प्रतिबंध भी लगाए गए हैं, जिनका मकसद रूस की तेल से होने वाली आय को रोकना है।
📉 भारत को कितना नुकसान?
GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, “भारत के $5 अरब मूल्य के पेट्रोलियम उत्पादों के EU निर्यात पर खतरा मंडरा रहा है। EU ने तीसरे देशों जैसे भारत से आयातित ऐसे उत्पादों पर रोक लगाई है, जो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन किए गए हैं।”
FY2024 में भारत का EU को निर्यात $19.2 अरब था, जो FY2025 में घटकर $15 अरब रह गया — 27.1% की गिरावट।
📦 रूस से आयात कितना?
भारत ने FY2025 में रूस से $50.3 अरब का कच्चा तेल आयात किया, जो उसके कुल $143.1 अरब के क्रूड बिल का एक-तिहाई हिस्सा है।
🇺🇸 अमेरिका की धमकी: “हम आपकी अर्थव्यवस्था तबाह कर देंगे”
अमेरिका ने भी कड़ा रुख अपनाया है। फॉक्स न्यूज पर अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा, “मैं चीन, भारत और ब्राजील से कहूंगा कि अगर आपने सस्ता रूसी तेल खरीदना जारी रखा तो हम आप पर भारी शुल्क लगाएंगे।”
उन्होंने यह भी कहा, “और हम आपकी अर्थव्यवस्था को कुचल देंगे, क्योंकि जो आप कर रहे हैं वह खून की कमाई है।”
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी नाटो महासचिव मार्क रुटे के साथ बैठक में चेतावनी दी थी कि अगर पुतिन 50 दिनों में शांति समझौता नहीं करते, तो अमेरिका रूस से तेल और गैस खरीदने वाले देशों पर 100% माध्यमिक शुल्क लगाएगा।
📌 निष्कर्ष
EU प्रतिबंध पर भारत का सख्त रुख वैश्विक कूटनीति में ऊर्जा सुरक्षा को लेकर एक स्पष्ट संदेश है। भारत ने संकेत दिया है कि वह वैश्विक दबाव के बावजूद अपने नागरिकों की ऊर्जा जरूरतों के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।