Google और Meta पर ED की जांच: अवैध बेटिंग ऐप्स के प्रचार में फंसे

ED summons Google and Meta in betting app investigation

ED ने Google और Meta को तलब किया – प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने टेक कंपनी दिग्गजों Google और Meta के प्रतिनिधियों को 21 जुलाई को पूछताछ के लिए तलब किया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत अवैध ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफार्म के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है।

मामले की गंभीरता

महादेव बेटिंग ऐप मामले में ED का दावा है कि इस ऐप के जरिए 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। यह ऐप दुबई स्थित सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल द्वारा संचालित था, जो छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।

घोटाले का विस्तार

महादेव बेटिंग ऐप विभिन्न खेलों पर अवैध जुआ सक्षम करता था, जिसमें पोकर, कार्ड गेम्स, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और क्रिकेट शामिल हैं। अक्टूबर 2023 तक पुलिस ने 191 लैपटॉप, 858 स्मार्टफोन, बेटिंग संबंधी सामग्री और लगभग 2.50 करोड़ रुपये की लक्जरी कारें जब्त की थीं।

Google और Meta पर आरोप

ED ने Google और Meta को तलब किया क्योंकि उनका आरोप है कि इन कंपनियों ने अपने प्लेटफार्म पर इन अवैध बेटिंग ऐप्स को विज्ञापन स्लॉट उपलब्ध कराकर उनके गैरकानूनी संचालन में योगदान दिया। उनसे पूछा गया है कि वे अवैध बेटिंग प्लेटफॉर्म के विज्ञापन ले जाने में अपनी भूमिका के बारे में स्पष्टीकरण दें।

तकनीकी कंपनियों की चुनौतियां

Google पहले से ही Play Store नीतियों के संबंध में कथित एंटी-कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिसेज के लिए जांच के दायरे में है, खासकर रियल-मनी गेमिंग (RMG) ऐप्स को प्रभावित करने वाली नीतियों के लिए।

बॉलीवुड कनेक्शन और हाई-प्रोफाइल नाम

ED ने राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, विजय देवरकोंडा और 26 अन्य लोगों के खिलाफ ECIR दर्ज की है, जिन पर अवैध बेटिंग ऐप्स का प्रचार करने का आरोप है। इस डिजिटल तूफान के केंद्र में फर्जी खाते, शेल कंपनियां, सेलिब्रिटी ग्लैमर, राजनीतिक विवाद और 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की लॉन्डर्ड मनी का जाल है।

सरकारी कार्रवाई

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के एक बयान के अनुसार, सरकार ने 2022 और 2024 के बीच 1,298 ऑनलाइन जुआ वेबसाइटों और ऐप्स को ब्लॉक किया है। यह दिखाता है कि सरकार इस समस्या के खिलाफ गंभीर कार्रवाई कर रही है।

जांच एजेंसियों की सक्रियता

जांच में 3,033 से अधिक बैंक खातों के उपयोग का खुलासा हुआ है, जिसमें से लगभग 1,035 बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं। CBI के अनुसार, जांच से पता चला है कि प्रमोटरों ने कथित तौर पर सरकारी कर्मचारियों को “सुरक्षा मनी” के रूप में पर्याप्त राशि का भुगतान किया था।

मनी लॉन्ड्रिंग का तरीका

ED की जांच से पता चला है कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, ID बनाने और बेनामी बैंक खातों के स्तरित वेब के माध्यम से पैसे लॉन्डर करने के लिए ऑनलाइन बुक बेटिंग एप्लिकेशन का उपयोग कर रहा था।

स्टॉक मार्केट में हेराफेरी

ED के अनुसार, एक ऑपरेटर समूह 25 सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के स्टॉक की कीमतों में हेराफेरी में शामिल हो सकता है, और कथित हेराफेरी अवैध बेटिंग ऐप से पैसे का उपयोग करके की गई थी।

आगे की राह

यह मामला दिखाता है कि डिजिटल प्लेटफार्म कैसे अवैध गतिविधियों के लिए दुरुपयोग हो सकते हैं। ED ने Google और Meta को तलब किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बड़ी तकनीकी कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वे अपने प्लेटफार्म पर विज्ञापनों की बेहतर निगरानी करें।

नियामक चुनौतियां

भारत में ऑनलाइन बेटिंग और जुए के खिलाफ सख्त कानून हैं, लेकिन इंटरनेट की वजह से इन नियमों को लागू करना चुनौतीपूर्ण है। ED की यह कार्रवाई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महादेव बेटिंग ऐप मामला भारत में साइबर अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग की गंभीरता को दिखाता है। हाल की मुंबई छापेमारी के दौरान, ED ने सात हवाला राजाओं का भी पता लगाया जिन्होंने कथित तौर पर पैसे लॉन्डर किए। ED ने Google और Meta को तलब किया यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में डिजिटल प्लेटफार्म की निगरानी अब सरकार और जांच एजेंसियों की प्राथमिकता बन गई है।

External Authoritative Link Suggestion:

👉 Financial Action Task Force (FATF) on Money Laundering

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!