Dream 11 पर ऑनलाइन गेमिंग बिल का असर, कारोबार समेटने की तैयारी

Dream 11 पर ऑनलाइन गेमिंग बिल का असर अब साफ नजर आने लगा है। लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 के बाद कंपनी अपने रियल मनी गेम्स कारोबार को समेटने की तैयारी कर रही है। भारत की 3.8 अरब डॉलर की गेमिंग इंडस्ट्री में यह बदलाव बड़ा असर डाल सकता है।
Dream 11 के लिए कोई रास्ता नहीं बचा
सूत्रों के अनुसार, 20 अगस्त को आयोजित एक टाउन हॉल मीटिंग में ड्रीम स्पोर्ट्स के सीईओ हर्ष जैन ने कर्मचारियों को बताया कि Dream 11 के रियल मनी गेमिंग ऑपरेशन को अब जारी रखना संभव नहीं होगा। कंपनी का 67% सालाना राजस्व इन्हीं गेम्स से आता था। सभी कर्मचारियों को इस फैसले की आधिकारिक जानकारी दे दी गई है।
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025: ईस्पोर्ट्स को मान्यता, मनी गेम्स पर प्रतिबंध
फैंटेसी स्पोर्ट्स से होती थी अधिकतर कमाई
2008 में हर्ष जैन और भावित शेठ द्वारा शुरू की गई Dream 11 ने भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म तैयार किया। कंपनी के पास 28 करोड़ से अधिक पंजीकृत यूजर्स हैं। सिर्फ 2024 क्रिकेट विश्व कप के दौरान ही Dream 11 ने 9,600 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी की कुल कमाई का 90% से ज्यादा हिस्सा पेड फैंटेसी कॉन्टेस्ट से आता है। फैनकोड और ड्रीमसेटगो जैसे अन्य वर्टिकल्स का योगदान फिलहाल बेहद कम है। ऐसे में नया कानून Dream Sports के मुख्य बिजनेस पर सीधा असर डाल रहा है।
नए कानून से बदल जाएगी गेमिंग इंडस्ट्री
21 अगस्त को राज्यसभा में पास हुए इस बिल के तहत अब Dream 11 जैसे प्लेटफॉर्म पर रियल मनी गेम्स प्रतिबंधित होंगे। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगा लेकिन रियल मनी गेम्स पर रोक लगाएगा, जो युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी सामाजिक चुनौती बन चुके हैं।
इस बदलाव के बाद भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री में नए अवसर और चुनौतियां सामने आएंगी। Dream 11 अब अपने दूसरे वर्टिकल्स जैसे FanCode, DreamSetGo और Dream Game Studios पर फोकस करेगा।
बाहरी लिंक: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय