भारत SCO आतंकवाद पर भारत का सख्त रुख | जयशंकर का बड़ा बयान

🔴 भारत ने SCO में आतंकवाद पर दोहरा मापदंड खारिज किया
भारत SCO आतंकवाद पर बेहद सख्त रुख अपना रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जब संगठन की स्थापना ही आतंकवाद से लड़ने के लिए हुई थी, तो संयुक्त बयान में उसका जिक्र न होना अस्वीकार्य है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की संयुक्त विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर न करने के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निर्णय का समर्थन किया। जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि जब SCO की स्थापना ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए हुई थी, तब उसके संयुक्त बयान में आतंकवाद का उल्लेख न होना बेहद विडंबनापूर्ण है।

🛑 SCO सदस्य देश ने आतंकवाद के उल्लेख पर आपत्ति जताई
जयशंकर ने जानकारी दी कि एक सदस्य देश ने संयुक्त बयान में आतंकवाद का जिक्र शामिल न करने की मांग की थी, जिस कारण भारत ने उस पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया। उन्होंने देश का नाम नहीं लिया लेकिन दो टूक कहा कि भारत आतंकवाद पर कोई दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं करेगा।
📢 जयशंकर: “आतंकवाद पर चुप्पी अस्वीकार्य है”
जयशंकर ने आगे कहा, “अगर संगठन का मुख्य उद्देश्य ही आतंकवाद से लड़ना है और उसमें उस विषय पर चर्चा नहीं होती, तो भारत का विरोध स्वाभाविक है। निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं, और जब आतंकवाद का उल्लेख नहीं हुआ, तो भारत ने समर्थन नहीं किया।”
🕊️ पहलगाम आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं
राजनाथ सिंह ने SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने हमले को संयुक्त बयान में शामिल न किए जाने पर आपत्ति जताई।
दूसरी ओर, पाकिस्तान ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी द्वारा 11 मार्च को जैफर एक्सप्रेस की हाइजैकिंग को संयुक्त बयान में शामिल करवाया, जिसे भारत के विरोध में इस्तेमाल करने की कोशिश मानी गई।
⚔️ ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख, पाकिस्तान पर हमला
राजनाथ सिंह ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया, जो पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई थी। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला लश्कर-ए-तैयबा के हमलों जैसा ही था और भारत की Zero Tolerance for Terrorism नीति पूरी तरह स्पष्ट है।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ देश आतंकवाद को विदेश नीति के औजार के रूप में इस्तेमाल करते हैं, और आतंकियों को शरण देते हैं, ऐसे देशों की SCO को आलोचना करनी चाहिए।
🌍 SCO में भारत की भूमिका और दबाव
SCO में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाख़स्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत 2017 से SCO का सदस्य है और 2023 में इसकी अध्यक्षता भी कर चुका है।
भारत की कड़ी आपत्ति के कारण रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया जा सका।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक अंतरराष्ट्रीय मंच है जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ रणनीति पर चर्चा होती है। भारत SCO का एक प्रमुख सदस्य है और 2017 में इसके साथ जुड़ा। 2023 में भारत ने इसकी अध्यक्षता भी की। भारत हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ सख्त रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी ज़ीरो टॉलरेंस नीति को दोहराता आया है…