भारत का सेमीकंडक्टर सपना: 47% इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात और नई दिशा

भारत का सेमीकंडक्टर सपना अब तेजी से हकीकत बनता दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से भारत की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता का ऐलान किया और यह सिर्फ एक घोषणा नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है। यह कदम भारत की आर्थिक और तकनीकी शक्ति को नई दिशा देने वाला है।
आंकड़े और उपलब्धियां
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक अप्रैल-जून 2026 की तिमाही में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 47% बढ़कर 12.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 31 बिलियन डॉलर से बढ़कर 133 बिलियन डॉलर हो गया है। भारत में आज 300 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स काम कर रही हैं। यह सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि भारत का सेमीकंडक्टर सपना साकार होने की तस्वीर हैं।
‘मेक इन इंडिया’ और मैन्युफैक्चरिंग हब
गोयल ने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ की वास्तविक सफलता है। एक दशक पहले भारत उपभोक्ता था, आज उत्पादक बन चुका है। प्रधानमंत्री मोदी का सेमीकंडक्टर पर जोर देना दूरदर्शिता का परिचायक है क्योंकि डिजिटल युग में सेमीकंडक्टर ही तकनीक की रीढ़ है। मोबाइल से लेकर कार, एयर कंडीशनर से लेकर सुपर कंप्यूटर तक, हर जगह इनकी जरूरत है।
आज 300 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भारत को केवल बड़ा बाजार नहीं, बल्कि एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बना रही हैं। दुनिया की अग्रणी कंपनियां भारत को उत्पादन केंद्र के रूप में देख रही हैं। यह भारत का सेमीकंडक्टर सपना पूरा होने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
आगे का रोडमैप
इस क्षेत्र में सफलता का मतलब है लाखों नई नौकरियां, निर्यात में तेजी और वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की मजबूत स्थिति। यह केवल आर्थिक वृद्धि नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और तकनीकी क्षमता का प्रतीक है।
निष्कर्ष
भारत अब केवल सॉफ्टवेयर सेवाओं का केंद्र नहीं है, बल्कि हार्डवेयर उत्पादन और निर्यात में भी मजबूत खिलाड़ी बन रहा है। जब भारत अपने सेमीकंडक्टर बनाएगा, तब वास्तव में कहा जा सकेगा – “अब भारत किसी से कम नहीं।” यही भारत का सेमीकंडक्टर सपना है, जो आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान बनेगा।
अधिक जानकारी के लिए देखें: Make in India आधिकारिक साइट