बांग्लादेश ने “अप्रत्याशित परिस्थितियों” का हवाला देकर दिल्ली, अगरतला और सिलिगुड़ी में वीजा सेवाएं निलंबित की

बांग्लादेश वीजा सेवाएं निलंबित: दिल्ली उच्चायोग के बाहर सुरक्षा व्यवस्था

बांग्लादेश वीजा सेवाएं निलंबित होने के ताज़ा निर्णय के तहत देश ने नई दिल्ली, अगरतला और सिलिगुड़ी स्थित अपने मिशनों में सभी कांसुलर और वीजा सेवाएं अगले आदेश तक रोक दी हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, यह कदम “अप्रत्याशित परिस्थितियों” और मिशन की सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण उठाया गया है, जिससे तीनों शहरों में वीजा प्रक्रिया प्रभावित हुई है।

बांग्लादेश वीजा सेवाएं निलंबित: दिल्ली मिशन में नोटिस और कारण

नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के नोटिस में स्पष्ट किया गया कि “अनिवार्य परिस्थितियों के कारण” सभी कांसुलर और वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित की जाती हैं और अगली सूचना तक बहाल नहीं होंगी। यह नोटिस उच्चायोग के परिसर के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया गया, जिससे आवेदकों और ट्रैवल एजेंटों को औपचारिक रूप से इस निलंबन की सूचना दी गई। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया कि बांग्लादेश वीजा सेवाएं निलंबित रखने का निर्णय सुरक्षा आकलन और हालिया घटनाक्रम की समीक्षा के बाद लिया गया है।

अखंड हिंदू राष्ट्र सेना का विरोध प्रदर्शन और तनाव

यह कदम उस घटना के बाद सामने आया, जब उग्रवादी माने जाने वाले समूह अखंड हिंदू राष्ट्र सेना के कुछ सदस्य शनिवार को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे और बांग्लादेश के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने कथित रूप से बांग्लादेश में 27 वर्षीय हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या और बाद में शव को आग लगाए जाने की घटना का विरोध करते हुए तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं। रिपोर्टों के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान समूह के कुछ सदस्यों ने भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम रियाज़ हमीदुल्लाह को धमकाने जैसी आपत्तिजनक बातें भी कही थीं, जिससे सुरक्षा माहौल को लेकर अतिरिक्त चिंता पैदा हुई।

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अखंड हिंदू राष्ट्र सेना के प्रदर्शनकारियों ने न केवल हत्या की घटना की निंदा की, बल्कि बांग्लादेश में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग भी उठाई। समूह ने आरोप लगाया कि हालिया हिंसक घटनाओं में हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया और न्याय व सुरक्षा की गारंटी के लिए कड़ा रुख अपनाने की आवश्यकता है। बांग्लादेश वीजा सेवाएं निलंबित होने के फैसले को कई पर्यवेक्षकों ने इन विरोध प्रदर्शनों से उत्पन्न तनाव और मिशन के लिए संभावित जोखिम से जोड़कर देखा है, हालांकि आधिकारिक बयान में केवल “अप्रत्याशित परिस्थितियों” का ही उल्लेख किया गया है।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया और सुरक्षा आश्वासन

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों को मौके पर तैनात पुलिस बल ने थोड़ी ही देर में तितर-बितर कर दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश वीजा सेवाएं निलंबित रहने के बीच मीडिया में चल रही उन रिपोर्टों में किसी भी तरह की सत्यता नहीं है, जिनमें उच्चायोग की सुरक्षा घेराबंदी तोड़ने या परिसर में घुसने की कोशिश जैसी बातों का दावा किया गया है।

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जायसवाल ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार सभी विदेशी मिशनों और उनके कर्मियों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और वियना कन्वेंशन के तहत अपनी जिम्मेदारियों का पालन कर रही है। उनके अनुसार, उपलब्ध दृश्य प्रमाण से भी यह स्पष्ट होता है कि न तो किसी ने बैरिकेड पार करने की कोशिश की और न ही ऐसी कोई स्थिति बनी, जिसमें उच्चायोग की सुरक्षा को वास्तविक खतरा पैदा हुआ हो। इस आधिकारिक आश्वासन के बावजूद, बांग्लादेश वीजा सेवाएं निलंबित रखने के निर्णय ने दोनों देशों के बीच पहले से बढ़ रहे राजनयिक तनाव को और उजागर किया है।

नई दिल्ली के साथ-साथ अगरतला और सिलिगुड़ी में भी बांग्लादेश वीजा सेवाएं निलंबित किए जाने से व्यापारिक यात्रियों, पर्यटकों, चिकित्सा उपचार के लिए जाने वाले मरीजों और परिजनों से मिलने की योजना बना रहे लोगों की यात्रा पर तात्कालिक असर पड़ा है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि स्थिति की समीक्षा के बाद ही यह तय होगा कि बांग्लादेश वीजा सेवाएं निलंबित रखने का यह निर्णय कब और किन शर्तों पर वापस लिया जाएगा, जिससे फिलहाल आवेदकों को अनिश्चितता की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

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