Al Falah University Fraud: फर्जी मान्यता से 415 करोड़ की कमाई का खुलासा

ED की जांच में Al Falah University Fraud से जुड़े 415 करोड़ के घोटाले का खुलासा

Al Falah University Fraud पर बड़ा खुलासा

Faridabad स्थित संस्थान में सामने आए Al Falah University Fraud ने शिक्षा क्षेत्र में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच की शुरुआती पंक्तियों में ही पता चला कि संस्थान ने फर्जी मान्यता दिखाकर करोड़ों की कमाई की और छात्रों के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ किया। इस Al Falah University Fraud को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत को बताया कि संस्थान ने लगभग 415 करोड़ रुपये की आय झूठे दावों के आधार पर अर्जित की।

ED ने Al Falah University Fraud मामले में संस्थान के संस्थापक और चेयरमैन जव्वाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। उन्हें आतंकवाद से जुड़े फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत 13 दिनों की हिरासत में भेजा गया है। जांच से यह भी खुलासा हुआ कि वर्षों से सभी बैंक खातों और आयकर रिटर्न (ITR) एक ही स्थायी खाता संख्या (PAN) पर संचालित किए जा रहे थे, जिससे स्पष्ट होता है कि वित्तीय नियंत्रण पूरी तरह ट्रस्ट के हाथों में केंद्रीकृत था।

ITR की 2014–15 से जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। 2014–15 और 2015–16 में क्रमशः 30.89 करोड़ और 29.48 करोड़ रुपये दान के रूप में दिखाए गए। 2016–17 के बाद से विश्वविद्यालय ने अपनी आय को ‘एकेडमिक इनकम’ दिखाना शुरू किया। 2018–19 से 2024–25 के बीच आय तेज़ी से बढ़कर 24.21 करोड़ से 80.01 करोड़ पहुंच गई, जो कुल 415 करोड़ रुपये बनती है। यह पूरा पैटर्न Al Falah University Fraud को और गहरा सिद्ध करता है।

फर्जी मान्यता और धोखाधड़ी से छात्रों की ठगी

जांच में साफ हुआ कि विश्वविद्यालय ने बिना मान्यता के छात्रों से पूरी फीस वसूली, जो स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी और जालसाजी के दायरे में आता है। इस संदर्भ में दर्ज मामलों में आरोप है कि छात्रों को झूठी मान्यता दिखाकर प्रवेश दिया गया, फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और इसी आधार पर “अवैध आय” उत्पन्न की गई। PMLA जांच में यह भी पाया गया कि छात्र फीस का उपयोग निजी खर्चों में किया गया, जिससे Al Falah University Fraud की गंभीरता बढ़ जाती है।

जांच अधिकारियों के अनुसार, विश्वविद्यालय के चांसलर जव्वाद सिद्दीकी सभी बड़े वित्तीय निर्णय स्वयं लेते थे। मुख्य वित्त अधिकारी मोहम्मद रज़ी ने भी स्वीकार किया कि वे सीधे सिद्दीकी को रिपोर्ट करते थे और प्रत्येक महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय उन्हीं द्वारा लिए जाते थे।

आतंकी संदिग्धों से संभावित संबंध

70 एकड़ में फैला Al Falah University हाल ही के दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच में भी सामने आया है। इस घटना में ड्र उमर मोहम्मद उर्फ डॉ. उमर उन-नैब ने i20 कार में विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया था। उसके साथी शहीन सईद, मुज़म्मिल शकील और आदिल राथर भी विश्वविद्यालय से जुड़े थे। आरोप है कि उन्होंने विस्फोटक के लिए रसायन विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला से चुराए थे।

कुल मिलाकर, Al Falah University Fraud की परतें सामने आने से यह स्पष्ट हो गया है कि शिक्षा, वित्त और सुरक्षा—तीनों मोर्चों पर गंभीर अनियमितताएँ हुईं, जिनकी विस्तृत जांच जारी है।

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