ट्रंप की H-1B वीजा नीति से हिला भारतीय विवाह बाजार: परिवारों की नई चिंता

ट्रंप की H-1B वीजा नीति से प्रभावित भारतीय विवाह बाजार

H-1B वीजा नीति में डोनाल्ड ट्रंप के ताजा बदलाव ने भारतीय विवाह बाजार को झकझोर कर रख दिया है। जहां पहले अमेरिकी नौकरी को स्थिरता का प्रतीक माना जाता था, अब परिवार विवाह से पहले वीजा स्थिति की पूरी जानकारी मांग रहे हैं।

क्या है H-1B वीजा शुल्क में बदलाव?

19 सितंबर 2025 को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा आवेदन पर $100,000 (लगभग ₹84 लाख) का नया शुल्क लगाने की घोषणा की, जो 21 सितंबर 2025 से प्रभावी हो गया। पहले यह शुल्क कंपनी के आकार के आधार पर $2,000 से $5,000 के बीच था। यह बदलाव भारतीय तकनीकी पेशेवरों के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि H-1B वीजा धारकों में से 70% से अधिक भारतीय हैं।

भारतीय विवाह बाजार पर प्रभाव

प्रीमियम मैचमेकिंग कंपनियों की रिपोर्ट के अनुसार, अब परिवार विवाह की बातचीत आगे बढ़ाने से पहले दूल्हे की वीजा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं। विदेश में बसे पुरुषों के लिए मांग पिछले साल की तुलना में कम हो गई है। पहले जहां विदेशी वीजा को प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था, अब उसकी अनिश्चितता चिंता का विषय बन गई है।

H-1B वीजा नीति के कारण विवाह बाजार में प्राथमिकताओं में बदलाव आया है। अब परिवार वीजा स्थिति, नौकरी की स्थिरता और भविष्य की योजनाओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

IT कंपनियों और कर्मचारियों पर असर

निवेशकों ने Infosys, Tech Mahindra, Wipro, HCL Technologies और Tata Consultancy Services जैसी प्रमुख IT कंपनियों के शेयर बेच दिए हैं। $100,000 के शुल्क ने कंपनियों को H-1B वीजा स्पॉन्सर करने से हिचकिचाने पर मजबूर कर दिया है। मौजूदा कर्मचारियों को भी नौकरी बदलने और वीजा नवीनीकरण में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

भारत सरकार ने इस नीति को “परिवारों को बाधित करने वाली” बताया है। इससे पति-पत्नी का अलग रहना, बच्चों की शिक्षा और बुजुर्गों की देखभाल जैसी चुनौतियां सामने आई हैं।

परिवारों और युवाओं की नई सोच

कुछ परिवार अब यथार्थवादी दृष्टिकोण अपना रहे हैं — वे विदेश में बसने के बजाय भारत में स्थिर करियर वाले युवकों को प्राथमिकता दे रहे हैं। H-1B वीजा नीति की अनिश्चितता ने रिश्तों में सतर्कता बढ़ा दी है।

भारत सरकार ने अमेरिका से इस नीति पर वार्ता शुरू की है, लेकिन निकट भविष्य में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे “ब्रेन ड्रेन” में कमी आएगी और भारत में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

निष्कर्ष

ट्रंप प्रशासन की H-1B वीजा नीति ने अमेरिकी नौकरी बाजार के साथ भारतीय सामाजिक जीवन को भी प्रभावित किया है। विवाह बाजार में बढ़ती सतर्कता इस बात का संकेत है कि परिवार अब अधिक व्यावहारिक सोच अपना रहे हैं। “अमेरिकन ड्रीम” की चमक भले कम हो रही हो, लेकिन भारत में ही स्थिर और सुरक्षित भविष्य की दिशा में सोच बढ़ रही है।

स्रोत: U.S. Citizenship and Immigration Services (uscis.gov)

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