ऑपरेशन सिंदूर बहस: 16 घंटे की चर्चा में विपक्ष के तीखे सवाल

ऑपरेशन सिंदूर बहस में राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहन चर्चा
संसद में आज ऑपरेशन सिंदूर बहस का आगाज़ हुआ। 16 घंटे की इस ऐतिहासिक बहस में प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। विपक्ष की मांग को मानते हुए सरकार ने प्रस्ताव पर चर्चा स्वीकार की।
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सैन्य कार्रवाई शुरू की थी, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी।
विपक्ष के सवाल और सरकार की रणनीति
देश जानना चाहता है कि ऑपरेशन सिंदूर बहस के दौरान सरकार क्या आधिकारिक जानकारी साझा करेगी। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार महत्वपूर्ण विवरण छिपा रही है।
7 मई 2025 को भारत ने घोषणा की थी कि उसने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पंजाब प्रांत में नौ स्थानों को निशाना बनाकर मिसाइल और हवाई हमले किए हैं।
चिदंबरम का बयान और कांग्रेस में मतभेद
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने विवाद खड़ा करते हुए कहा कि हमलावर पाकिस्तान से आए थे, इसका कोई सबूत नहीं है। इस बयान से कांग्रेस पार्टी में भी मतभेद उभर आए हैं।
भविष्य की तैयारी और रणनीति
क्या भारत केवल छोटे-छोटे युद्ध लड़ता रहेगा या निर्णायक कार्रवाई करेगा? आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इसके पीछे कई देशों की राजनीति और स्वार्थ जुड़े हैं।
निर्णायक कार्रवाई पर बहस
संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अखिलेश यादव सरकार से जवाब मांग रहे हैं। विपक्ष चाहता है कि सरकार पारदर्शिता बरते और देश को बताए कि ऑपरेशन सिंदूर बहस के बाद भविष्य की रणनीति क्या होगी।
राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता
पक्ष और विपक्ष दोनों को 16 घंटे की बहस का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को मजबूत करने के लिए करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद पर भारत की अडिग नीति की पुष्टि की है।
निष्कर्ष
यह बहस तय करेगी कि क्या भारत की राजनीतिक पार्टियां राष्ट्रीय सुरक्षा पर एकजुट हो पाती हैं या यह केवल बयानबाजी तक सीमित रह जाती है।