NATO में दरारें: अमेरिकी वर्चस्व पर यूरोप का विरोध

NATO में दरारें अब सार्वजनिक रूप से उभर कर सामने आ रही हैं, खासकर अमेरिका की दबावपूर्ण नीतियों के कारण। यूक्रेन युद्ध के बाद यह मतभेद और भी स्पष्ट हुए हैं।
NATO में दरारें: यूरोपीय देशों का विरोध
NATO (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) में बढ़ती दरारें एक चिंताजनक स्थिति का संकेत दे रही हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद से NATO देशों के बीच मतभेद और भी गहरे हो गए हैं, जिससे अमेरिकी वर्चस्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हंगरी और स्लोवाकिया का विरोध
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान और स्लोवाकिया के नेतृत्व ने खुलकर अमेरिकी नीतियों की आलोचना की है। स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको ने यूक्रेन को हथियार भेजना बंद करने की घोषणा की है। दोनों देशों का कहना है कि:
- NATO सदस्यता का मतलब अमेरिकी दबाव स्वीकार करना है
- यूक्रेन युद्ध में जबरदस्ती शामिल किया जा रहा है
- यूरोपीय देशों के हितों की अनदेखी हो रही है
जर्मनी, फ्रांस और इटली में बढ़ता असंतोष
जर्मनी में NATO विरोधी प्रदर्शन तेज हो गए हैं। जर्मन नागरिकों के बीच यह भावना बढ़ रही है कि:
- NATO सदस्यता जर्मनी के लिए आर्थिक बोझ है
- अमेरिकी हथियार खरीदने का दबाव बढ़ रहा है
- यूरोपीय स्वतंत्रता खतरे में है
फ्रांस और इटली ने यूक्रेन को अमेरिकी हथियार खरीदकर देने में झिझक दिखाई है। इन देशों की चिंताएं हैं:
- बढ़ते रक्षा बजट का दबाव
- यूरोपीय रक्षा उद्योग की उपेक्षा
- अमेरिकी हथियार कंपनियों का एकाधिकार
फिलिस्तीन मुद्दे पर मतभेद और अमेरिकी वर्चस्व
यूक्रेन के पड़ोसी यूरोपीय देश तेजी से अलग रुख अपना रहे हैं। फिलिस्तीन को देश का दर्जा देने के मुद्दे पर कई NATO और यूरोपीय देशों ने अमेरिका से अलग रुख अपनाया है:
- स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे ने फिलिस्तीन को मान्यता दी
- फ्रांस और बेल्जियम में भी समर्थन बढ़ रहा है
- अमेरिका इजराइल समर्थक नीति पर अड़ा है
अमेरिकी वर्चस्व के खिलाफ बढ़ता प्रतिरोध
NATO में दरारें आर्थिक, राजनीतिक और युद्ध-संबंधी दबावों के कारण गहरी होती जा रही हैं।
आर्थिक दबाव
- रक्षा बजट में GDP का 2% खर्च करने का दबाव
- अमेरिकी हथियार खरीदने की मजबूरी
- यूरोपीय रक्षा उद्योग का नुकसान
राजनीतिक स्वतंत्रता का हनन
- विदेश नीति में अमेरिकी हस्तक्षेप
- यूरोपीय संघ की भूमिका का कम होना
- राष्ट्रीय हितों की अनदेखी
यूक्रेन युद्ध का बोझ
- युद्ध की बढ़ती लागत
- शरणार्थी संकट
- ऊर्जा संकट और महंगाई
NATO के भविष्य पर सवाल
वर्तमान स्थिति में NATO में दरारें भविष्य के लिए गहरा संकट प्रस्तुत कर रही हैं।
बढ़ती दरारें
- पूर्वी यूरोपीय देशों का विरोध
- पश्चिमी यूरोप में भी असंतोष
- अमेरिकी नेतृत्व पर सवाल
वैकल्पिक रक्षा ढांचे
- यूरोपीय रक्षा पहल (European Defence Initiative)
- फ्रांस-जर्मन रक्षा सहयोग
- स्वतंत्र यूरोपीय सेना की मांग
निष्कर्ष
NATO में दरारें एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत का संकेत देती हैं। यूरोपीय देशों की स्वतंत्र विदेश नीति और अमेरिकी दबाव से मुक्ति की चाह अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। यूक्रेन युद्ध और फिलिस्तीन मुद्दे पर मतभेद इन दरारों को और गहरा कर रहे हैं।
यदि यह स्थिति जारी रही, तो आने वाले समय में NATO का ढांचा पूरी तरह से बदल सकता है और अमेरिकी वर्चस्व को गंभीर चुनौती मिल सकती है।
👉 NATO Official Website – NATO Topics