गाजा संकट में रुबियो का सख्त बयान और ट्रंप की नीति पर सवाल
गाजा संकट एक बार फिर वैश्विक राजनीति का केंद्र बन गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों ने इस मुद्दे पर नया विवाद खड़ा कर दिया है।
हमास को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री का कड़ा रुख
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हमास और उससे जुड़े समूहों को लेकर अत्यंत कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा, “हम किसी राजनीतिक आंदोलन से नहीं, बल्कि हत्यारों, बर्बर लोगों और आतंकवादियों से निपट रहे हैं।” रुबियो ने राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा शुरू किए गए प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि गाजा संकट को समाप्त करने और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने की दिशा में काम हो रहा है।
विरोधाभासी स्थिति: हमास का इनकार
जहां एक ओर अमेरिकी प्रशासन गाजा में शांति स्थापना की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर हमास ने हथियार डालने के किसी भी प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। इसके साथ ही इजराइल गाजा पर लगातार बमबारी जारी रखे हुए है। यह स्थिति इस सवाल को जन्म देती है कि क्या गाजा संकट में वास्तव में शांति संभव है, या यह संघर्ष एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध का केंद्र बनने जा रहा है?
वैश्विक खतरा: पाकिस्तान की भूमिका और मुस्लिम एकता का प्रयास
गाजा संकट के बीच एक और चिंताजनक पहलू उभर रहा है। पाकिस्तान, जो स्वयं गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है, मुस्लिम देशों को एक साथ लाने और उन्हें परमाणु छत्र प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। यह प्रवृत्ति न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर खतरनाक साबित हो सकती है। आज भले ही अमेरिका इन शक्तियों के पीछे खड़ा दिख रहा है, लेकिन इतिहास गवाह है कि ऐसे खतरे अक्सर अपने समर्थकों को भी नहीं बख्शते। इजराइल से शुरू होकर यह आग अमेरिका तक पहुंच सकती है।
ट्रंप का राजनीतिक खेल और प्रोजेक्ट 2025
वर्तमान परिदृश्य में एक गंदा राजनीतिक खेल साफ दिखाई दे रहा है, जिसकी आग में न केवल विश्व बल्कि स्वयं अमेरिका भी जलने को मजबूर है। प्रोजेक्ट 2025 इस पूरे खेल की जड़ में है। जबकि राष्ट्रपति ट्रंप खुलेआम अपनी संपत्ति बढ़ा रहे हैं, अमेरिकी जनता महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रही है।
टैरिफ का खोखला दावा
सबसे विडंबनापूर्ण स्थिति तब है जब ट्रंप गर्व से दावा करते हैं कि उन्होंने टैरिफ के माध्यम से अमेरिका को समृद्ध बनाया है। सच्चाई यह है कि इस तथाकथित समृद्धि का अधिकांश बोझ अमेरिकी आम जनता ने महंगे सामान खरीदकर चुकाया है। टैरिफ का असली खामियाजा आम अमेरिकियों को भुगतना पड़ रहा है, जबकि लाभ कुछ गिने-चुने लोगों को मिल रहा है।
निष्कर्ष: अनिश्चित भविष्य
गाजा संकट में शांति की संभावना अभी धुंधली दिखाई दे रही है। रुबियो के कड़े बयान और ट्रंप प्रशासन की आक्रामक नीतियां एक ओर, हमास का अड़ियल रुख और इजराइल का सैन्य अभियान दूसरी ओर — यह स्थिति किसी भी समय एक बड़े संकट में बदल सकती है। अमेरिकी जनता को यह समझने की जरूरत है कि उनके नेता जिस नीति का अनुसरण कर रहे हैं, वह न केवल मध्य पूर्व में बल्कि घर पर भी उनके हितों के विपरीत हो सकती है। समय रहते संयम और कूटनीति की जरूरत है, न कि युद्धोन्माद और आक्रामक बयानबाजी की।

