Dollar की Global Power खतरे में? जानिए D-Dollarization से कैसे बदल रही है वैश्विक अर्थव्यवस्था

Dollar की Global Power को क्यों मिल रही है चुनौती?
Dollar की Global Power लंबे समय से विश्व व्यापार की रीढ़ रही है, लेकिन अब यह स्थिति तेजी से बदल रही है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिकी डॉलर को वैश्विक मुद्रा के रूप में स्थापित किया गया, परंतु अब Dollar की Global Power को कई देशों से चुनौतियाँ मिल रही हैं।
चीन का उदय: Dollar की Global Power को मिली पहली बड़ी चुनौती
1980 के दशक से चीन की अर्थव्यवस्था में आई तेजी ने Dollar की Global Power को प्रभावित करना शुरू किया। अमेरिका ने चीन को तकनीक और निवेश देकर उसके औद्योगिक विकास में मदद की, लेकिन आज चीन खुद एक वैश्विक शक्ति बनकर अमेरिका को टक्कर दे रहा है।
BRICS और D-Dollarization: Dollar की Global Power के लिए खतरा
BRICS देशों ने सामूहिक रूप से अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। Dollar की Global Power को चुनौती देने के लिए यह राष्ट्र एक नई रिज़र्व मुद्रा लाने की योजना बना रहे हैं। यह परिवर्तन वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकता है।
यूक्रेन-रूस युद्ध ने खोली Dollar की Global Power की कमजोरी
रूस के डॉलर भंडार को अमेरिका द्वारा फ्रीज करने की घटना ने यह साबित कर दिया कि Dollar की Global Power अब जोखिम में है। कई देशों ने इसे देखकर डॉलर से परे व्यापार करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
वैकल्पिक मुद्राएं: यूरो, रेन्मिन्बी और क्रिप्टो का उदय
Dollar की Global Power कम होने पर यूरो, चीन की रेन्मिन्बी, क्रिप्टोकरेंसी और सोना जैसे विकल्प तेजी से उभर सकते हैं। इससे अमेरिकी वित्तीय बाजार की स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है।
आर्थिक प्रभाव: Dollar की Global Power जाने से क्या होगा?
Dollar की Global Power यदि समाप्त होती है, तो इससे वैश्वीकरण में गिरावट और लेनदेन की प्रक्रिया में जटिलता आ सकती है। यह वैश्विक अस्थिरता को बढ़ा सकता है, जैसा कि अर्थशास्त्री Kenneth Rogoff ने चेतावनी दी है।
Multilateral World: एक नई विश्व व्यवस्था का आरंभ
Dollar की Global Power को चुनौती मिलना अमेरिकी एकध्रुवीय शासन की समाप्ति की शुरुआत हो सकती है। BRICS का विस्तार और उनके D-Dollarization प्रयास नई बहुध्रुवीय व्यवस्था को जन्म दे रहे हैं।
भारत की भूमिका: Dollar की Global Power में कमी का लाभ?
भारत BRICS का सक्रिय सदस्य होने के नाते D-Dollarization प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देकर Dollar की Global Power पर निर्भरता कम कर रहा है।
Dollar की Global Power का युग समाप्त?
Dollar की Global Power को D-Dollarization की प्रक्रिया ने गंभीर चुनौती दी है। यह बदलाव धीमा होगा, लेकिन अब स्पष्ट है कि वैश्विक वित्तीय परिदृश्य बदल रहा है। अमेरिका की एकध्रुवीय शक्ति अब बहुध्रुवीय संतुलन की ओर बढ़ रही है।
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यह लेख लेखक की व्यक्तिगत राय पर आधारित है।