भारत का रिवर्स टैरिफ: ट्रंप को मिला करारा जवाब

भारत का रिवर्स टैरिफ अमेरिकी व्यापार पर असर डालता हुआ

लेखक: विवेक मिश्रा

मुख्य बिंदु

भारत का रिवर्स टैरिफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध का सटीक जवाब है। भारत ने WTO को अधिसूचना देकर 3.8 बिलियन डॉलर के रिवर्स टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह भारत का रिवर्स टैरिफ ट्रंप के 50 प्रतिशत स्टील और एल्यूमीनियम टैरिफ के खिलाफ उठाया गया ठोस कदम है।

ट्रंप के टैरिफ युद्ध की शुरुआत

स्टील-एल्यूमीनियम पर भारी टैरिफ

फरवरी 2025 में ट्रंप ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे बाद में 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया। इस फैसले का भारतीय उद्योग जगत पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

भारतीय निर्यात पर प्रभाव

ऑटोमोबाइल सेक्टर में 2.89 बिलियन डॉलर के भारतीय निर्यात प्रभावित हुए हैं, जिससे अमेरिका को लगभग 723.75 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त शुल्क मिल रहा है।

भारत का रिवर्स टैरिफ: एक रणनीतिक प्रतिक्रिया

WTO के माध्यम से प्रतिशोधात्मक कार्रवाई

भारत ने WTO को सूचित किया है कि स्टील और एल्यूमीनियम पर लगे टैरिफ से 7.6 बिलियन डॉलर का आयात प्रभावित हुआ है। इसके फलस्वरूप भारत को 1.91 बिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ रहा है।

समानुपातिक जवाबी कार्रवाई

भारत का रिवर्स टैरिफ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों के अनुसार एक वैध प्रतिक्रिया है। भारत का मानना है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए उपाय मूल रूप से सुरक्षा उपाय हैं, जो WTO नियमों के विपरीत हैं।

व्यापारिक समझौते पर प्रभाव

F-35 डील में अड़चन

F-35 विमान की डील में कई समस्याएं आ रही हैं। तकनीकी हस्तांतरण की समस्या, रखरखाव की जटिलता और हाल ही में 20 दिनों तक विमान खड़े रहने की घटना ने इस सौदे को कटघरे में खड़ा कर दिया है। लॉकहीड मार्टिन की प्रस्तावित यात्रा का निरस्त होना इस बात का प्रमाण है कि मामला गंभीर है।

कृषि और डेयरी बाजार का मुद्दा

भारत ने अमेरिकी कंपनियों के लिए अपने कृषि और डेयरी बाजार खोलने से साफ मना कर दिया है, जिससे व्यापारिक वार्ता में गतिरोध पैदा हुआ है।

रिवर्स टैरिफ का आर्थिक प्रभाव

अमेरिकी आयात पर बोझ

भारत का रिवर्स टैरिफ अमेरिकी माल की कीमतें बढ़ा देगा, जिससे भारतीय बाजार में अमेरिकी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा कमजोर होगी।

घरेलू उद्योग को फायदा

इस कदम से भारतीय उद्योग को संरक्षण मिलेगा और आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा मिलेगा।

आगे की राह

द्विपक्षीय बातचीत की संभावना

दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौता फाइनल करने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन टैरिफ युद्ध से स्थिति जटिल हो गई है।

WTO की भूमिका

अमेरिका ने WTO के बजट में योगदान अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है, जिससे बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।

निष्कर्ष

भारत का रिवर्स टैरिफ लगाना एक रणनीतिक कदम है जो दिखाता है कि वह अनुचित व्यापारिक प्रथाओं के खिलाफ खड़ा है। यह कदम न केवल घरेलू उद्योग की सुरक्षा करता है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भारत की मजबूत स्थिति को भी दर्शाता है। हालांकि इससे अल्पकालिक तनाव बढ़ सकता है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह न्यायसंगत व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देगा।

 

External Source: WTO News: Tariff Disputes 2025

US Duplicitous Policy

भारत में सोशल मीडिया का दुरुपयोग

One thought on “भारत का रिवर्स टैरिफ: ट्रंप को मिला करारा जवाब

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!