Cryptocurrency बनाम Fiat: जानें असली फर्क

Cryptocurrency बनाम Fiat को समझना आज के समय में बेहद ज़रूरी हो गया है। डिजिटल करेंसी तेजी से लोकप्रिय हो रही है और अनुमान है कि आने वाले समय में बड़ी कंपनियों में से लगभग 20% अपने पेमेंट, वैल्यू स्टोर या कोलेट्रल के लिए डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगी। ऐसे में आम लोगों और बिजनेस मालिकों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि Cryptocurrency क्या है, यह कैसे काम करती है और यह Fiat Currency से कैसे अलग है।
Cryptocurrency बनाम Fiat: मूलभूत अंतर
Fiat Currency वह करेंसी होती है जिसे सरकार जारी करती है। यह सोने जैसी किसी भौतिक वस्तु पर आधारित नहीं होती, बल्कि सरकार के भरोसे पर टिकी होती है। अमेरिकी डॉलर, जापानी येन और यूरो जैसी करेंसी Fiat हैं। इनकी वैल्यू बाज़ार की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है।
Commodity आधारित करेंसी या Cryptocurrency के विपरीत, Fiat करेंसी अधिक स्थिर मानी जाती है। सरकारें और केंद्रीय बैंक इसकी सप्लाई को नियंत्रित करते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने और मंदी या महंगाई से निपटने में मदद मिलती है। हालांकि, ज़्यादा नोट छापने से Hyperinflation का खतरा भी बना रहता है।
Cryptocurrency एक डिजिटल करेंसी है जो इंटरनेट पर पब्लिक डेटाबेस (Blockchain) में दर्ज होती है। यह क्रिप्टोग्राफी से सुरक्षित होती है और लेन-देन के लिए किसी बैंक या इंटरमीडियरी की ज़रूरत नहीं होती। इसका सबसे बड़ा अंतर यह है कि इसे कोई सरकार या केंद्रीय बैंक नियंत्रित नहीं करता।
Fiat बनाम Cryptocurrency: मुख्य तुलना
Fiat करेंसी को सरकार मान्यता देती है और यह कानूनी रूप से मान्य होती है। वहीं Cryptocurrency विकेंद्रीकृत (Decentralized) है और हर देश में यह कानूनी नहीं है। Fiat की सप्लाई पर कोई सीमा नहीं होती क्योंकि सरकारें ज़रूरत पड़ने पर नए नोट छाप सकती हैं। जबकि Cryptocurrency की सप्लाई लिमिटेड होती है।
Fiat करेंसी फिजिकल नोट और सिक्कों के रूप में भी उपलब्ध होती है, लेकिन Cryptocurrency केवल डिजिटल वॉलेट में ही स्टोर की जा सकती है। यही इसकी सबसे बड़ी व्यावहारिक सीमा है।
वास्तविक दुनिया में Cryptocurrency
Bitcoin सबसे प्रसिद्ध Cryptocurrency है, लेकिन इसके अलावा Ethereum, Tether, Binance Coin और XRP जैसी हजारों डिजिटल करेंसी मौजूद हैं। इनमें Stablecoin खास महत्व रखती है क्योंकि यह किसी वास्तविक संपत्ति (जैसे अमेरिकी डॉलर या सोना) से जुड़ी होती है और अपेक्षाकृत स्थिर रहती है।
कई उद्योगों ने B2B पेमेंट्स के लिए Cryptocurrency अपनाना शुरू कर दिया है क्योंकि यह तेज और किफायती है। खासकर अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में करेंसी कन्वर्ज़न की ज़रूरत नहीं होती। हालांकि, नज़दीकी भविष्य में यह अमेरिकी डॉलर की जगह ले पाएगी, इसकी संभावना कम है।
निष्कर्ष: Fiat करेंसी स्थिरता और सरकारी नियंत्रण प्रदान करती है, जबकि Cryptocurrency स्वतंत्रता और तेज़ लेन-देन का विकल्प देती है। दोनों की खूबियां और चुनौतियां अलग-अलग हैं और आने वाला समय इनके संतुलन को तय करेगा।
External Authoritative Link Suggestion:
Investopedia – Cryptocurrency Explained