सरकार का दीवाली गिफ्ट: GST सुधार से कम टैक्स, बाजार में अफरा-तफरी

सरकार का दीवाली गिफ्ट: GST सुधार से टैक्स राहत

सरकार का दीवाली गिफ्ट 2025: नई GST संरचना 5% और 18% स्लैब, व्यापारियों में अफरा-तफरी

सरकार का दीवाली गिफ्ट इस बार खास होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के संबोधन में लाल किले से घोषणा की कि सरकार आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए अगली पीढ़ी के GST सुधार लाने जा रही है। उन्होंने कहा, “इस दीवाली, आपके लिए डबल दीवाली होगी।” इस घोषणा के साथ ही बाजार में उत्साह और अफरा-तफरी दोनों की स्थिति पैदा हो गई है।

सरकार का दीवाली गिफ्ट और नई GST संरचना

वर्तमान में GST प्रणाली में चार स्लैब मौजूद हैं – 5%, 12%, 18% और 28%। लेकिन सरकार का दीवाली गिफ्ट इन चार स्लैब को घटाकर सिर्फ दो स्लैब करने का है। प्रस्ताव के अनुसार, अब आवश्यक वस्तुएं 5% स्लैब में आएंगी और मानक वस्तुएं एवं सेवाएं 18% स्लैब में रखी जाएंगी। यह बदलाव दीवाली 2025 के आसपास लागू किए जाने की उम्मीद है, जब GST परिषद की समीक्षा और अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी होगी। इस कदम से टैक्स प्रणाली सरल और सुलभ होगी, साथ ही उपभोक्ताओं को सीधे राहत मिल सकती है।

बाजार में मंदी और उपभोक्ताओं की प्रतीक्षा

घोषणा के बाद उपभोक्ताओं में यह मनोवैज्ञानिक प्रभाव देखने को मिला कि अगर चीजें नई टैक्स दरों से सस्ती होंगी, तो अभी खरीदारी क्यों की जाए। इसका असर तुरंत दिखा और बाजार में मांग धीमी हो गई। बड़ी खरीदारी जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, कारें और अन्य महंगे सामान उपभोक्ताओं ने टाल दिए। इस बीच व्यापारियों के लिए स्थिति और कठिन हो गई क्योंकि उनके पास पुराने टैक्स रेट पर खरीदा गया स्टॉक फंसा हुआ है, जो नई दरों के बाद महंगा साबित हो सकता है। कंपनियां अपने वितरकों को सामान उठाने के लिए दबाव डाल रही हैं, जबकि ग्राहक इंतजार कर रहे हैं। इस प्रकार सरकार का दीवाली गिफ्ट लागू होने से पहले ही अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।

सरकारी राजस्व और आर्थिक चुनौतियां

HSBC के प्रांजुल भंडारी का अनुमान है कि यह GST सुधार सरकारी खजाने को करीब $16 बिलियन यानी भारत की GDP का 0.4% तक का नुकसान करा सकता है। राज्य सरकारें भी राजस्व हानि की संभावना को लेकर चिंतित हैं। वहीं, कारोबारियों को मूल्य निर्धारण की समस्या, नकदी प्रवाह की कमी और भविष्य की रणनीति बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद SBI के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि प्रभावी GST दर 2026-27 तक 9.5% तक गिर सकती है, जो 2017 के 14.4% और 2019 के 11.6% से काफी कम है। इसका मतलब यह है कि दीर्घकाल में सरकार का दीवाली गिफ्ट घरेलू मांग और अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है।

उद्योगों और व्यापार पर असर

नई GST संरचना का असर सबसे ज्यादा ऑटो, FMCG, रिटेल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टरों पर दिखाई दे रहा है। अगर आप कार खरीदने की सोच रहे हैं तो आने वाला समय दिलचस्प हो सकता है क्योंकि छोटी कारें सस्ती होने की संभावना है। वहीं FMCG और रिटेल सेक्टर में त्योहारी सीजन की बिक्री पर सीधा असर पड़ा है। कंपनियों को इन्वेंटरी मैनेजमेंट और नई प्राइसिंग स्ट्रैटेजी अपनाने की चुनौती है। इलेक्ट्रॉनिक्स और ड्यूरेबल्स सेक्टर में महंगे सामान की खरीदारी पूरी तरह से टल रही है। व्यापारियों ने सरकार से स्पष्ट टाइमलाइन, पुराने स्टॉक के लिए राहत और आसान ट्रांजिशन की मांग की है। उनके अनुसार अगर सरकार का दीवाली गिफ्ट को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए और इंडस्ट्री से सलाह ली जाए तो चुनौतियां कम की जा सकती हैं।

निष्कर्ष और आगे का रास्ता

स्पष्ट है कि सरकार का दीवाली गिफ्ट का उद्देश्य टैक्स का बोझ कम करना और उपभोक्ताओं को राहत देना है। लेकिन इसके साथ बाजार में जो अनिश्चितता और अफरा-तफरी देखी जा रही है, वह एक बड़ी चुनौती है। सकारात्मक पक्ष यह है कि लंबे समय में उपभोक्ताओं को फायदा होगा, अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और टैक्स प्रणाली सरल होगी। लेकिन तत्काल प्रभाव में बिक्री में गिरावट, छोटे व्यापारियों की परेशानी और राज्य सरकारों के राजस्व पर दबाव जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। इसलिए जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द विस्तृत गाइडलाइन जारी करे, उद्योग जगत से बातचीत करे और संक्रमण काल में व्यापारियों को सहूलियत दे। तभी यह दीवाली गिफ्ट उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों के लिए लाभकारी साबित हो सकेगा।

अधिक जानकारी के लिए GST परिषद की आधिकारिक वेबसाइट देखें।

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