निर्यातकों पर US टैरिफ का असर, सरकार का जल्द राहत पैकेज

निर्यातकों पर US टैरिफ का असर तेजी से बढ़ रहा है और केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि प्रभावित उद्योगों के लिए विशेष राहत पैकेज जल्द लाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार उन कंपनियों का सहयोग करेगी जिन्हें 50% टैरिफ से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
निर्यातकों पर US टैरिफ और सरकार की योजना
सीतारमण ने स्पष्ट किया कि सरकार उन उद्योगों को “हैंडहोल्ड” करेगी जिन पर निर्यातकों पर US टैरिफ का सीधा असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि इस पैकेज को लागू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होगी।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है। इसमें 25% दंडात्मक शुल्क भी शामिल है, जो रूस से कच्चे तेल के आयात से जुड़ा है। इस फैसले के बाद वस्त्र, आभूषण, जूते और रसायनों जैसे उत्पादों पर शुल्क बढ़कर 50% तक पहुंच गया है।
निर्यातकों की चुनौतियां और राहत उपाय
अधिकारियों के मुताबिक, निर्यातकों पर US टैरिफ का असर भुगतान में देरी, ऑर्डर रद्द होने और नकदी प्रवाह में कमी के रूप में दिखाई दे सकता है। सरकार तरलता बढ़ाने, दिवालियापन रोकने और रोजगार बचाने के लिए कोविड जैसी विशेष सहायता योजनाओं पर विचार कर रही है।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर असर
टैरिफ विवाद ने भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 48 अरब डॉलर मूल्य के 55% भारतीय निर्यात अब वियतनाम, चीन और बांग्लादेश जैसे देशों के मुकाबले महंगे पड़ रहे हैं। यह निर्यातकों पर US टैरिफ का सीधा प्रभाव है, जिससे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है।
स्पष्ट है कि निर्यातकों पर US टैरिफ से उद्योग और रोजगार पर खतरा है। सरकार का प्रस्तावित राहत पैकेज निर्यातकों को नए बाजारों तक पहुंचने और कारोबार में स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगा।
बाहरी संदर्भ: Reuters