GST Council Meeting 2025: जीएसटी रेट कट और बदलाव

GST Council Meeting 2025: टैक्स स्लैब और रेट कट
GST Council Meeting 2025 आज से शुरू हो रही है और इसमें टैक्स सुधारों पर बड़े फैसले की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली 58वीं बैठक में 175 से अधिक प्रोडक्ट्स पर टैक्स कटौती और मौजूदा चार स्लैब को दो में बदलने पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जीएसटी को सरल बनाने का आह्वान किया था और यह बैठक उसी दिशा में अहम मानी जा रही है।
नया टैक्स स्ट्रक्चर क्या होगा?
अभी जीएसटी चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) में बंटा है, जिसे घटाकर केवल दो स्लैब करने का प्रस्ताव है—आवश्यक वस्तुओं पर 5% और गैर-जरूरी वस्तुओं पर 18%। इसके अलावा तंबाकू, प्रीमियम कारों और 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिल जैसी लक्ज़री/‘सिन गुड्स’ पर 40% टैक्स लगाने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे टैक्स अनुपालन आसान होगा और कारोबारियों पर बोझ घटेगा।
किसे मिलेगा सबसे बड़ा फायदा?
सूत्रों के अनुसार GST Council Meeting 2025 में रोजमर्रा के सामान जैसे टूथपेस्ट, शैम्पू, साबुन और टैल्कम पाउडर पर टैक्स 18% से घटाकर 5% किया जा सकता है। इसी तरह मक्खन, चीज़ और रेडी-टू-ईट फूड्स को भी सस्ता करने का प्रस्ताव है। खाद्य और कपड़ा क्षेत्र की ज्यादातर वस्तुएं 5% स्लैब में आ सकती हैं, जिससे हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले और गॉदरेज जैसी कंपनियों को लाभ होगा।
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी राहत मिलने की संभावना है। टीवी, एसी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे प्रोडक्ट्स पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करने की चर्चा है। सीमेंट पर भी टैक्स 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है, जो निर्माण और हाउसिंग सेक्टर के लिए राहत भरा कदम होगा।
ऑटो सेक्टर पर असर और बड़ा होगा। छोटी पेट्रोल कारें और हाइब्रिड गाड़ियां अब 18% स्लैब में आ सकती हैं। इससे मारुति सुजुकी और टोयोटा को फायदा होगा, लेकिन इलेक्ट्रिक कार कंपनियों के लिए यह फैसला चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है क्योंकि 20-40 लाख की ईवी पर टैक्स 5% से बढ़ाकर 18% करने का प्रस्ताव है। वहीं लक्ज़री ईवी पर टैक्स और ज्यादा हो सकता है।
दोपहिया वाहनों पर भी अहम फैसले संभव हैं। लंबे समय से इंडस्ट्री की मांग थी कि 28% टैक्स घटाकर 18% किया जाए। हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस जैसी कंपनियों को इससे तुरंत फायदा मिलेगा। हालांकि 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलों को लक्ज़री श्रेणी में रखकर 40% टैक्स लगाया जा सकता है, जिस पर बजाज और रॉयल एनफील्ड जैसे निर्माताओं ने आपत्ति जताई है।
आर्थिक असर और राजस्व पर दबाव
विशेषज्ञों का अनुमान है कि GST Council Meeting 2025 में प्रस्तावित सुधारों से महंगाई पर काबू मिलेगा और खपत में बढ़ोतरी होगी। एसबीआई रिसर्च का मानना है कि इससे जीडीपी ग्रोथ में 60 बेसिस प्वाइंट तक का सुधार हो सकता है। खुदरा महंगाई में भी 20-25 बेसिस प्वाइंट की गिरावट संभव है।
हालांकि टैक्स कटौती से सरकार के राजस्व पर असर पड़ेगा। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का अनुमान है कि दो-स्तरीय संरचना से ₹1.65-1.70 लाख करोड़ तक का राजस्व नुकसान हो सकता है। एसबीआई का आकलन है कि यह नुकसान ₹60,000 करोड़ से ₹1.1 लाख करोड़ के बीच रहेगा। हालांकि, उपभोग बढ़ने से और जीएसटी कलेक्शन में तेजी से यह घाटा काफी हद तक संतुलित किया जा सकता है।
काउंसिल यह भी तय कर सकती है कि राज्यों को मुआवजा देने के लिए जीएसटी कंपेनसेशन फंड का अधिशेष इस्तेमाल किया जाए। फिलहाल इस फंड में ₹45,000 करोड़ से ज्यादा की राशि उपलब्ध है।
कुल मिलाकर, GST Council Meeting 2025 भारत की टैक्स व्यवस्था को सरल बनाने, महंगाई नियंत्रित करने और कारोबारियों के लिए अनुपालन आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है।
One thought on “GST Council Meeting 2025: जीएसटी रेट कट और बदलाव”