भारत की ऊर्जा रणनीति: 50% नवीकरणीय लक्ष्य 5 साल पहले हासिल

नवीकरणीय ऊर्जा में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि: 242.78 GW क्षमता का कमाल
भारत ने अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का 50% हिस्सा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से हासिल करने में कामयाबी पाई है, जो 2030 के लक्ष्य से 5 साल पहले पूरा हो गया है। FY 2024-25 में भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 29.52 GW की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है। चाहे ग्रीन हाइड्रोजन हो या सोलर पावर, भारत की दूरदृष्टि कमाल की है। गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर काम करते हुए देश ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
सोलर पावर में भारत की छलांग: 60% हिस्सेदारी का रिकॉर्ड
भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में सोलर एनर्जी की 60% हिस्सेदारी है, जो जनवरी 2025 में 21,184.71 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई। पवन ऊर्जा में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है, जिसकी क्षमता 47.3 GW है। यह दर्शाता है कि भारत की रणनीति सिर्फ एक ऊर्जा स्रोत पर निर्भर नहीं है, बल्कि diversified approach अपनाई गई है।
LED बल्बों की क्रांति: ऊर्जा बचत का महान अभियान
LED तकनीक पारंपरिक बल्बों की तुलना में 75% तक अधिक ऊर्जा की बचत करती है। LED बल्बों का वितरण हो या पंखों में स्टार रेटिंग का सिस्टम, भारत ऊर्जा बचाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य 2022 तक 38.3 मिलियन गीगाजूल और 2032 तक 137.5 मिलियन गीगाजूल की सीधी ऊर्जा बचत करना है।
BEE स्टार रेटिंग: घरेलू उपकरणों में ऊर्जा दक्षता
BEE (Bureau of Energy Efficiency) ने LED बल्बों के लिए पांच स्टार रेटिंग सिस्टम शुरू किया है। AC को 24 डिग्री पर चलाने की पहल हो या फैन में स्टार रेटिंग का सिस्टम, भारत हर स्तर पर ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा दे रहा है। BEE रेटिंग सिस्टम उपकरणों की ऊर्जा खपत के आधार पर 1 से 5 स्टार तक की रेटिंग प्रदान करता है।
ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताएं
भारत सरकार का राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन दुनिया की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। यह न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि भविष्य की स्वच्छ ऊर्जा की जरूरतों को भी पूरा करता है। हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन और औद्योगिक उपयोग की संभावनाएं असीमित हैं।
सरकारी पहल और योजनाएं: नीति से परिणाम तक
राष्ट्रीय सोलर मिशन की सफलता
सोलर पार्क योजना के तहत 500 MW से अधिक की 50 सोलर पार्क स्थापित करने का लक्ष्य है, जिसकी कुल क्षमता 38 GW है। यह योजना 2025-26 तक पूरी होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से LED मिशन तक
सरकार की हर योजना में ऊर्जा दक्षता को मुख्य फोकस बनाया गया है। चाहे वह गैस कनेक्शन हो या LED बल्बों का मुफ्त वितरण, हर पहल में sustainable development का विजन दिखता है।
वैश्विक मंच पर भारत की पहचान
तेजी से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ना, महत्वाकांक्षी लक्ष्य और सहायक नीतियों के कारण भारत में अपार विकास की संभावनाएं हैं। भारत अब केवल ऊर्जा उपभोक्ता नहीं बल्कि ऊर्जा निर्यातक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
चुनौतियां और समाधान
वित्तीय चुनौतियां
नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में बड़े निवेश की आवश्यकता होती है। सरकार ने इसके लिए विभिन्न वित्तीय योजनाएं और सब्सिडी प्रदान की हैं।
तकनीकी बाधाएं
Energy storage और grid integration की समस्याओं को हल करने के लिए स्मार्ट ग्रिड तकनीक पर काम हो रहा है।
2025 के लक्ष्य और भविष्य की रणनीति
2025 में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 40 GW की नई वृद्धि होने की उम्मीद है। यह दर्शाता है कि भारत की गति तेज होती जा रही है और लक्ष्य और भी महत्वाकांक्षी होते जा रहे हैं।
आर्थिक प्रभाव और रोजगार सृजन
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लाखों नए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। सोलर पैनल manufacturing से लेकर installation तक, हर स्तर पर रोजगार की संभावनाएं बढ़ रही हैं।
पर्यावरणीय लाभ
CO2 उत्सर्जन में काफी कमी आई है। बायोगैस प्लांट से सालाना 190 टन CO2 की बचत हो रही है। यह climate change के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
ग्रामीण विकास में योगदान
नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में दिखा है। सोलर पंप से लेकर LED स्ट्रीट लाइटिंग तक, गांवों की तस्वीर बदल गई है।
निष्कर्ष: भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा
भारत की गैर-परंपरागत ऊर्जा रणनीति सिर्फ एक नीति नहीं बल्कि एक vision है। LED बल्बों का वितरण हो या AC को 24 डिग्री पर चलाने की पहल, हर छोटी सी पहल मिलकर एक बड़ा बदलाव ला रही है। भारत नित नए स्रोतों को प्रोत्साहन देकर एनर्जी फील्ड में एक नया कीर्तिमान बना रहा है। 242.78 GW की क्षमता हासिल करना केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत sustainable development के मामले में विश्व का नेतृत्व कर रहा है। यह उपलब्धि न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरित भविष्य भी सुनिश्चित करती है। भारत की यह दूरदृष्टि और रणनीति विश्व के अन्य देशों के लिए एक मिसाल है कि कैसे नीति, तकनीक और जन-सहयोग मिलकर असंभव को संभव बना सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए देखें: Ministry of New and Renewable Energy
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