शनि अमावस्या 2025: राशि अनुसार शिव मंत्र जप और पूजा का महत्व

शनि अमावस्या 2025 का विशेष महत्व है। इस बार भाद्रपद अमावस्या शनिवार, 23 अगस्त को पड़ रही है। यह दिन देवों के देव महादेव, माता पार्वती और पितरों को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धालु गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर पुण्य प्राप्त करते हैं। इसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा के साथ पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है।
शनि अमावस्या पर शिव पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शनि अमावस्या के दिन गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक पर शिव और शक्ति की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से जीवन में सुख, सौभाग्य और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन विशेष रूप से शिव और शनिदेव की पूजा का महत्व बताया गया है।
राशि अनुसार मंत्र जप
यदि आप शनि अमावस्या के दिन अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो अपनी राशि अनुसार शिव मंत्रों का जप करें। ये मंत्र आपकी बाधाओं को दूर कर सफलता और सौभाग्य दिलाने में सहायक माने जाते हैं:
- मेष राशि: ‘ॐ महाकाल नमः’ और ‘ऊँ महेशाय नमः’
- वृषभ राशि: ‘ॐ उमापति नमः’ और ‘ऊँ नित्याय नमः’
- मिथुन राशि: ‘ॐ भोलेनाथ नमः’ और ‘ऊँ वीराय नमः’
- कर्क राशि: ‘ॐ चंद्रधारी नमः’ और ‘ऊँ कूर्माङ्गाय नमः’
- सिंह राशि: ‘ॐ ज्योतिलिंग नमः’ और ‘ऊँ गोचराय नमः’
- कन्या राशि: ‘ॐ त्रिनेत्रधारी नमः’ और ‘ऊँ वरिष्ठाय नमः’
- तुला राशि: ‘ॐ केदारनाथ नमः’ और ‘ऊँ श्रेष्ठाय नमः’
- वृश्चिक राशि: ‘ॐ सोमनाथ नमः’ और ‘ऊँ भव्याय नमः’
- धनु राशि: ‘ॐ महेश नमः’ और ‘ऊँ क्रूराय नमः’
- मकर राशि: ‘ॐ नागधारी नमः’ और ‘ऊँ सर्वेशाय नमः’
- कुंभ राशि: ‘ॐ नीलेश्वर नमः’ और ‘ऊँ वशिने नमः’
- मीन राशि: ‘ॐ गोरीशंकर नमः’ और ‘ऊँ क्रूराय नमः’
शनि अमावस्या के लाभ
इन मंत्रों का श्रद्धा और विधि पूर्वक जप करने से न केवल शनिदेव की कृपा मिलती है, बल्कि जीवन के कष्ट दूर होकर सफलता और समृद्धि आती है। शनि अमावस्या पर किया गया स्नान, दान और पूजा अत्यंत फलदायी माना जाता है।
Suggested External Authoritative Link:
https://www.britannica.com/topic/Shiva (भगवान शिव पर जानकारी हेतु)
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह केवल सामान्य सूचना के लिए हैं।