2025-2028 विश्व परिवर्तन: ज्योतिषीय संकेत और नई आर्थिक व्यवस्था

2025-2028 विश्व परिवर्तन का समय वैदिक ज्योतिष और मुंडन शास्त्र के अनुसार विश्व के लिए अत्यंत कठिन और परीक्षा की घड़ी साबित होगा। यह काल पुराने तंत्र के विनाश और नई विश्व व्यवस्था के जन्म का साक्षी बनेगा। ग्रहों की दुर्लभ स्थिति और भविष्य मल्लिका की भविष्यवाणियों के अनुसार, यह काल महाविनाश और महासृजन दोनों का समय होगा।
प्रस्तावना: कलियुग के महासंकट की शुरुआत
वैदिक ज्योतिष और मुंडन शास्त्र के अनुसार, 2025 से 2028 तक का काल 2025-2028 विश्व परिवर्तन के रूप में जाना जाएगा। यह वह समय होगा जब पुराने तंत्र का अंत होगा और नई विश्व व्यवस्था का जन्म होगा।
ग्रहीय स्थिति और ज्योतिषीय संकेत
2025: महापरिवर्तन का आरंभ
वर्ष 2025 में राहु-केतु का अक्ष परिवर्तन होगा, गुरु कर्क राशि में प्रवेश करेगा और शनि मेष राशि में संक्रमण करेगा। यह दुर्लभ संयोग विश्व की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था पर गहरा असर डालेगा।
2025-2028: यूरेनस, नेप्च्यून और प्लूटो का शुभ संयोग
मुंडन ज्योतिष के अनुसार, जुलाई 2025 से फरवरी 2027 तक यूरेनस, नेप्च्यून और प्लूटो में त्रिकोणीय योग बनेगा। यह योग क्रांतिकारी परिवर्तनों और 2025-2028 विश्व परिवर्तन का प्रमुख संकेत है।
आने वाली विपत्तियां और चुनौतियां
युद्ध और संघर्ष
जल और भोजन की कमी, प्राकृतिक आपदाओं के कारण जनसंख्या विस्थापन होगा, जिससे सैन्य संघर्ष बढ़ेंगे। 2026-2030 में अंतर-सामुदायिक युद्ध की स्थिति बन सकती है। भारत को 2025 के बाद बाहरी सहायता में कमी का सामना करना पड़ेगा, और 2028 के बाद भारतीय व्यवसायों में बड़े बदलाव आएंगे।
बीमारियां और महामारी
सूडान जैसे देशों में स्वास्थ्य तंत्र पहले से ही कमजोर है। हैजा जैसी बीमारियों की रोकथाम न हो पाने के कारण 2025 में बीमारियों के प्रकोप में वृद्धि की संभावना है। गुरु के कर्क राशि में होने से जल जनित रोग और शनि के मेष राशि में होने से संक्रामक रोग बढ़ेंगे।
प्राकृतिक आपदाएं
नॉस्ट्रेडमस के अनुसार, जलवायु परिवर्तन से ज्वालामुखी विस्फोट और ब्राजील में बाढ़ जैसी आपदाएं होंगी। अमेरिका में 2024 में आए तूफानों ने अरबों डॉलर का नुकसान किया था।
सरकारों का पतन और राजनीतिक अस्थिरता
अमेरिका का प्रभाव घटेगा और 2025 में यह प्रवृत्ति स्पष्ट होगी। यूरेनस के वृषभ राशि में लौटने से नवंबर 2025 से अप्रैल 2026 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अशांति रहेगी।
नई विश्व व्यवस्था का जन्म
2025 से 2028 तक ग्रहों का सामंजस्यपूर्ण संरेखण नई तकनीक, आर्थिक बदलाव और आध्यात्मिक जागृति का संकेत देगा। यूरेनस और प्लूटो त्रिकोण में होंगे जबकि नेप्च्यून मध्यबिंदु पर होगा, जो महाक्रांति का समय होगा।
आर्थिक व्यवस्था में बदलाव
फ्रांसीसी ज्योतिषी आंद्रे बारबॉल्ट ने अपनी पुस्तक “प्लैनेटरी साइकल्स” में सोवियत संघ के पतन और जर्मनी के एकीकरण जैसी घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी की थी, और इसी तरह 2025-2028 विश्व परिवर्तन में भी बड़े आर्थिक बदलाव संभव हैं।
संकट के बाद का नया विश्व
राहु-केतु के परिवर्तन से पारदर्शिता और न्याय आधारित व्यवस्थाओं का जन्म होगा। तकनीकी क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम कंप्यूटिंग का विस्तार होगा। नेप्च्यून के प्रभाव से आध्यात्मिक जागृति आएगी और पर्यावरण संरक्षण पर वैश्विक सहयोग बढ़ेगा।
भविष्य की रणनीति
व्यक्तिगत स्तर पर: ध्यान, स्वावलंबन, कौशल विकास और सामुदायिक संबंध मजबूत करें।
राष्ट्रीय स्तर पर: आत्मनिर्भरता, कृषि सुधार, स्वास्थ्य तंत्र और आपदा प्रबंधन प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष: अंधकार के बाद प्रकाश
वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह संकट अस्थायी है। नॉस्ट्रेडमस के अनुसार एक रहस्यमय नेता समुद्र से आकर नई व्यवस्था बनाएगा। यह काल परीक्षा के साथ नवसृजन का भी समय होगा।
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