RSS के 100 वर्ष पूरे, PM मोदी ने जारी किया स्मारक सिक्का और डाक टिकट

RSS शताब्दी पर PM मोदी द्वारा स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी

RSS शताब्दी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विशेष स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया। यह कार्यक्रम RSS के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो एक सदी से भारतीय समाज और राजनीति में अपनी उपस्थिति बनाए हुए है।

PM मोदी का संबोधन

स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करते हुए PM मोदी ने कहा कि यह सिक्का और टिकट राष्ट्र के प्रति RSS के योगदान को उजागर करते हैं। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि “भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि भारत माता की छवि को एक सिक्के पर उकेरा गया है।” यह टिप्पणी RSS शताब्दी समारोह को ऐतिहासिक बनाती है।

RSS: स्थापना और योगदान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा नागपुर में की गई थी। RSS का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना रहा है। बीते 100 वर्षों में यह संगठन भारत का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन गया है। RSS शताब्दी के अवसर पर संगठन की यात्रा और उपलब्धियों को विशेष रूप से याद किया जा रहा है।

RSS का राष्ट्र निर्माण में योगदान शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक सेवा में महत्वपूर्ण रहा है। विद्या भारती जैसे संगठन देशभर में हजारों स्कूल चला रहे हैं। वहीं आपदाओं के समय RSS स्वयंसेवक राहत कार्यों में आगे रहते हैं।

स्मारक सिक्के पर भारत माता की छवि उकेरी गई है जो पहली बार भारतीय सिक्के पर दिखाई गई। डाक टिकट भी RSS शताब्दी वर्ष को चिह्नित करता है। यह दोनों चिह्न RSS की 100 वर्षों की यात्रा और राष्ट्र के प्रति योगदान का प्रतीक बन गए हैं।

भारतीय राजनीति में RSS का गहरा प्रभाव है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) RSS की विचारधारा से प्रेरित है और PM मोदी स्वयं RSS के प्रचारक रह चुके हैं। RSS परिवार में BJP, विद्या भारती, विश्व हिंदू परिषद, भारतीय मजदूर संघ और बजरंग दल जैसे संगठन शामिल हैं।

हालांकि, RSS शताब्दी के साथ आलोचनाएं भी जुड़ी हैं। संगठन पर हिंदुत्व को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक तनाव का आरोप लगता रहा है। लेकिन समर्थकों का मानना है कि RSS ने राष्ट्रीय एकता, संस्कृति संरक्षण और सेवा कार्यों में बड़ी भूमिका निभाई है।

RSS शताब्दी वर्ष संगठन की उपलब्धियों का जश्न है और भविष्य की दिशा तय करने का अवसर भी। PM मोदी द्वारा स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करना RSS को आधिकारिक मान्यता देने वाला ऐतिहासिक क्षण है।

जैसे-जैसे RSS अपनी दूसरी सदी की ओर कदम बढ़ा रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि संगठन बदलते भारत में अपनी भूमिका कैसे निभाता है और नई चुनौतियों का सामना कैसे करता है।

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