चीन से भारत को उर्वरक और रेयर अर्थ सप्लाई फिर शुरू

चीन से भारत को उर्वरक सप्लाई जल्द ही फिर शुरू होने जा रही है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई हालिया बातचीत में यह सहमति बनी। इस समझौते के तहत चीन भारत को उर्वरक, रेयर अर्थ मिनरल्स और टनल बोरिंग मशीन (TBM) उपलब्ध कराएगा। यह कदम दोनों देशों के संबंधों को सामान्य करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
चीन से भारत को उर्वरक सप्लाई: कृषि और उद्योग को राहत
जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्री जयशंकर ने वांग यी से यूरिया, एनपीके और डीएपी जैसे उर्वरक, रेयर अर्थ मिनरल्स और टनल मशीन की सप्लाई का मुद्दा उठाया था। चीन ने लगभग एक वर्ष पहले इनकी आपूर्ति रोक दी थी, जिससे भारत की कृषि और औद्योगिक गतिविधियों पर असर पड़ा। चीन से भारत को उर्वरक सप्लाई लगभग 30 प्रतिशत तक होती है जो देश की कृषि जरूरतों के लिए बेहद जरूरी है।
ताइवान और सीमा मुद्दों पर स्थिति
बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत की ताइवान पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। भारत भी विश्व की तरह केवल आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध बनाए हुए है। हालांकि सीमा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन इसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल आज होने वाली विशेष प्रतिनिधि वार्ता में उठाएंगे। इस वार्ता का मुख्य फोकस वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करना है।
अमेरिकी नीतियां और भारत-चीन संबंध
इस वार्ता का एक अहम पहलू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर दोनों देशों की चिंता रही। भारत और चीन दोनों का मानना है कि वॉशिंगटन की नीतियां उनके खिलाफ असर डाल सकती हैं। इसलिए आपसी संवाद बढ़ाकर अनिश्चितता से निपटना जरूरी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का उर्वरक, रेयर अर्थ और टनल मशीन सप्लाई फिर शुरू करने का वादा भारत के लिए बड़ी राहत है। सड़क और शहरी विकास परियोजनाओं में टनल बोरिंग मशीन की अहम भूमिका है, जबकि रेयर अर्थ मिनरल्स ऑटो पार्ट्स उद्योग के लिए जरूरी हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते एक नए चरण में प्रवेश करेंगे।
अधिक जानकारी के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय देखें।